You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकिसी भी कथा के पीछे, एक अनकही दास्तान छिपी होती है। यही दास्तान इंसानी फितरत की जटिलताओं और खामियों को उजागर करती है। इस पुस्तक में, मैंने उन खामियों की कहानियाँ संजोई हैं, जो हमारी पहचान का अनिवार्य हिस्सा हैं।
"इंसानी खामियां" उस यात्रा की दास्तान है जो आत्म-विश्लेषण और संवेदनशीलता की ओर ले जाती है। हर कहानी में, मैंने मानव स्वभाव के अंधेरे और चमकदार पहलुओं को छुआ है। ये कहानियाँ न केवल हमारी खामियों को उजागर करती हैं, बल्कि हमें उनके भीतर छिपे गहरे भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं को समझने का भी अवसर देती हैं।
इन कहानियों में, आप पायेंगे प्रेम और पीड़ा की जटिलताएँ, विश्वास और विश्वासघात की कशमकश, और उन क्षणों की गहराई जो हमारे जीवन को आकार देते हैं। हर पन्ने पर, मैंने सच्चाई और संवेदनशीलता को जोड़ने की कोशिश की है, ताकि पाठक अपने भीतर की खामियों को पहचान सकें और उन्हें समझ सकें।
मैंने इस संग्रह को एक अन्वेषण के रूप में प्रस्तुत किया है, जिसमें प्रत्येक कहानी एक नए अनुभव का द्वर खोलती है। मेरा विश्वास है कि ये कहानियाँ आपके दिल को छू्न के साथ-साथ, आपकी सोच को भी प्रभावित करेंगी।
इस पुस्तक की हर कहानी, इंसानी स्वभाव की अद्वितीयता और उसकी खामियों को परखने का एक प्रयास है। आप इस यात्रा में मेरे साथ शामिल हों और उन पहलुओं को खोजें, जो हमें और हमारे समाज को समझने में मदद करें।
उज्जवल दावना
उज्जवल दावना
उज्जवल दावना एक संवेदनशील और विचारशील लेखक हैं, जिनकी कहानियाँ इंसानी मन की गहराइयों और उसकी खामियों की पड़ताल करती हैं। उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से मानवीय भावनाओं, कमजोरियों और संघर्षों को शब्दों में पिरोकर प्रस्तुत किया है। उज्जवल का मानना है कि इंसान की कमजोरियाँ ही उसकी असली ताकत होती हैं, और यहीं सोच उनकी कहानियों में गहराई से उभरती है।
लेखन उनके लिए सिर्फ एक अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं है, बल्कि यह आत्म-विश्लेषण और व्यक्तिगत विकास का जरिया भी है। उनकी कहानियाँ रोजमर्ा की जिंदगी के आम पात्रों को असामान्य परिस्थितियों में रखते हुए उनके भीतर के संघ्षों और खामियों को उजागर करती हैं।
उज्जवल ने लेखन के अलावा शिक्षा और वित्तीय ज्ञान के क्षेत्र में भी सक्रिय रूप से योगदान दिया है। उनके विचारों की सादगी और गहराई पाठकों को न सिर्फ सोचने पर मजबूर करती है, बल्कि उनके जीवन से जुड़ने का अवसर भी प्रदान करती है।
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.