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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजन्मों के कर्मफल किताब जानवरों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करती है। कुत्ते की स्वामी भक्ति और समझदारी के कई वास्तविक क़िस्से इस किताब में उल्लेख किये हैं। साथ ही कुत्तों की दुर्दशा और लोगों द्वारा उनपर शर्मनाक हरकतों को भी बताया गया है । कुत्ते पालने के धार्मिक कारण, दोष , कुत्तों को रोटी खिलाने के कारण हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार बताया गया है। गाय की जीवनी, बंदर तोते की जीवनी के साथ हाथी और ऊँट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है । प्राणियों को उनके करमानुसार विभिन्न योगियों में जन्म लेना पड़ता है और पाप पुण्य कर्मों की पीड़ा और सुख का अनुभव करना होता है। हिंदू धर्म के अनुसार अनेक विद्वानों के विचार इस विषय पर उद्धृत किये गये हैं । प्राणियों को पूर्व जन्मों की जानकारी नहीं होती क्योंकि ईश्वर चाहता है कि जिस भी योनी में प्राणी रहे उस योनी में खुश रहे इसलिए कोई भी प्राणी उस योनी में रहते हुए मरना नहीं चाहता चाहे वो मानव हो, या पशु या निम्न कोटि का जीव।इतनी सारी जानकारी १०० पन्नों में समेटने की लेखक ने भरपूर कोशिश की है । पाठकों को यह पुस्तक पसंद आयेगी ऐसी उम्मीद है लेखक को।-
बाबू लाल तिवारी
श्री बी एल तिवारी अब एक वरिष्ठ नागरिक है । उन्होंने B.E.(Mechanical Engineering एनआईटी भोपाल ( रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज , भोपाल , मध्य प्रदेशस्नातक की डिग्री प्राप्त की,(M.Tech-Industrial Engineering वर्ष 1980 में आई आई टी दिल्ली से, वित्तीय प्रबंधन में डिप्लोमा से 1992 में ।उनका शैक्षणिक जीवन बहुत उज्ज्वल था । मध्य प्रदेश 1963 में बोर्ड परीक्षा में उनका नाम मेरिट सूची में 19th position उन्हें राष्ट्रीय योग्यता छात्रवृत्ति (National Merit Scholarship ) से सम्मानित किया गया । अखिल भारतीय स्तर पर आईआईटी दिल्ली में M.Tech दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा में प्रथम स्थान पाया ।उन्होंने एसीसी लिमिटेड , फर्टिलाइजर कार्पोरेशन इंडिया लिमिटेड , भेल , इस्पात इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उच्च स्तर के कई अन्य निजी कंपनियों में काम किया. उनका पिछला काम 1200 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट का निर्माण था । वे एक बिजली कंपनी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष थे । “अभिलाषा पुनर्जन्म की” पुस्तक को लिखने का उद्देश्य पाठकों को यह बताना है की कड़ी मेहनत, ध्यान केंद्रित दृष्टिकोण और लगन से इक्षित लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है और कठिन परिश्रम निश्चित रूप से जीवन में सफल बनाता है । अभिलाषा पुनर्जन्म में पुनर्मिलन की एक सच्ची प्रेम कहानी है जिसमे लेखक की अपनी स्वर्गीय पत्नी रमा के प्रति हृदय से निकली वेदनाओं की अभिव्यक्ति है । लेखक रमा के पार्थिव शरीर को पवित्र अग्नि को समर्पित नहीं कर सका क्योंकि रमा उस समय अपने मायके में थी और लेखक कॉलेज में अंतिम वर्ष की परीक्षा की तयारी में। लेखक ने इतने भीषण आघात को सहन किया और रमा की अश्थियों को संगम में प्रवाहित किया और ७ दिनों बाद परीक्षा दी, ७६% नंबरों से उत्तीर्ण की। लेखक की पुनर्जन्म में पुनर्मिलन की अभिलाषा ईश्वर ने पूर्ण की , कैसे यह जानने के लिए इस पुस्तक को अवश्य पढ़ें। ।
किताब गुमराह हमराही अगस्त २०२० में नोशन प्रेस से प्रकाशित हुई है। यह उन गुमराह जोड़ों की सत्य कहानी है जो विवाह के ३-४ वर्षों में अलग हो गए अपने आप को समायोजन ( adjustment ) न करने के कारण। इस किताब में समाज में व्याप्त व्यभिचार को भी उजागर किया है। पाठकों ने बहुत पसंद किया है। यह आत्मकथा है घर में पाले जाने वाले और आवारा पशुओं की। घर में पाले जाने वाले पशुओं की तो अच्छी तरह से देखभाल होती है पर आवारा पशुओं खासकर कुत्तों के साथ लोग अच्छा व्यवहार नहीं करते। इस किताब में ऐसी जानकारी है जिसे बहुत लोग नहीं जानते। पढ़ने योग्य किताब।
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