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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palभारत रत्न से सम्मानित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक श्रद्धेय पंडित मदन मोहन मालवीय जी जैसे अनेक महात्मा इस भारत भूमि पर अवतरित हुए हैं और ऐसे लोग हर नकारात्मकता को पछाड़ते हुए साधारण से असाधारण कर्मों से अपने सनातन धर्म को निभाते हुए भावी पीढ़ि के लिए अतुल्य एवं अनुकरणीय छाप छोड़ गए हैं ।
ऐसे महात्मा स्वधर्म एवं कर्तव्य बोध से अपने भीतर की विभूतियों को समझने तथा निखारने के लिए श्रीमद्भगवद्गीता द्वारा निरन्तर ज्ञानार्जित करते रहे हैं ।
बड़े से बड़े लक्ष्य को पूर्ण करने में या अपने अपने क्षेत्र में सफल होने में आज के युवा पीढ़ी निरंतर प्रयासरत रहते हैं, किन्तु सही दिशा एवं मार्गदर्शन के लिए उन्हें श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञानरस का पान करते रहना चाहिए ।
वैदिक विज्ञान केन्द्र की छात्रा सुश्री नेहा सिंह द्वारा पुस्तक का लेखन कार्य अत्यंत प्रशंसनीय एवं प्रासंगिक है |
इस पुस्तक “जीवन दर्शन गीता” में आज की युवा पीढ़ी को गीता के मूल तत्वों का सरल परिचय देने का प्कीरयास किया गया है, जो अत्यंत सराहनीय है एवं सभी लोगों के लिए प्ररेणादायक है ।
नेहा सिंह
लेखिका का संक्षिप्त परिचय..
सुश्री नेहा सिंह, भारत की आध्यात्मिक राजधानी वाराणसी की एक बहुत ही प्रतिभाशाली कलाकार हैं| आपका जन्म महर्षियों की तपोस्थली बलिया उत्तर प्रदेश में हुआ है तथा माता जी गृहणी व पिता जी भारतीय सेना में कार्यरत हैं | आप काशी हिन्दू विश्वविद्दालय के वैदिक विज्ञान केंद्र के प्रथम सत्र की छात्रा हैं | आपने वाराणसी के महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ से ललित कला में स्नातकोत्तर करने के बाद भारतीय वैदिक ग्रन्थों, 'भगवद्गीता' तथा 'राम' आदि विषयों में अत्यंत रूचि होने के कारण काशी हिन्दू विश्वविद्दालय के वैदिक विज्ञान केंद्र से एक मेधावी छात्रा के रूप में अपना अध्ययन कर रही हैं ।
आपका नाम दो दो बार अलग अलग विश्व रिकॉर्ड में भी दर्ज है । सोलह लाख मोतियों से एक विशाल ‘’भारत का नक्शा’’ बनाकर पहली बार 'वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया' में अपना नाम दर्ज किया और 449 फ़ीट कपड़े पर 38417 अँगुलियों के निशान से पूरा ‘’हनुमान चालीसा’’ लिखकर 'यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड' में अपना दूसरा रिकॉर्ड दर्ज किया ।
अपने हाथ से बने चित्रों द्वारा विश्व का पहला 'दशोपनिषद्' का डिजिटल प्रिंटेड एल्बम का यह पुस्तक रूपांतरण है, इसमें सरल शब्दों में 'दशोपनिषद्' का सारांश हिन्दी एवं अंग्रेजी में दिया हुआ है जो अत्यंत मनोहारी दृश्य एवं ज्ञान वर्धक प्रस्तुति है ।
आप एक चित्रकार के साथ साथ एक कुशल प्राणिक हीलर, लेखिका, कवियत्री, स्वच्छंद (स्वतंत्र) समाज सेविका, कला चिकित्सक, टैरो कार्ड रीडर आदि बहुगुणी प्रतिभा की भी धनी हैं |
आपको इंटरनेशनल बिज़नेस एसोसिएशन, नई दिल्ली द्वारा ’भारत गौरव रत्न’ सम्मान प्राप्त है । उत्तर प्रदेश में दैनिक जागरण एवं कई अलग अलग संस्थाओं द्वारा यू० पी० गौरव सम्मान, नारी शक्ति सम्मान, काशी शक्ति सम्मान, सशक्त नारी-सशक्त भारत सम्मान, यू०पी० गौरव अलंकरण, हनुमत कृपा भूषण सम्मान आदि अनेकों सम्मान से सम्मानित किया गया है |
आप दशोपनिषद् के अलावा 'राम नाम शास्त्र है', 'जीवन दर्शन गीता', 'उपनिषद् सारांश,' वेद विद्या की वैज्ञानिकता', 'पंचतत्व विद्या', ‘आत्म गीतिका’ आदि पुस्तकों की भी लेखिका हैं ।
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