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JHAROKHA / झरोखा

Author Name: Rajeshwar Singh Raju | Format: Paperback | Genre : Others | Other Details

झरोखा,
एक प्रयास है अपनी संस्कृति और विरासत के प्रति सचेत होने का।
एक संदेश है अपने आप को जगाने का ताकि हम अपनी जड़ों से उखड़ कर कहीं अपने आप को खो ना दें।
डुग्गर प्रदेश हमारी मातृभूमि है ।
हम डोगरे हैं ।
हमारी मातृभाषा डोगरी है ।
यह याद रखें,
अपनी संस्कृति अपनी पहचान है ।
अपनी विरासत अपना अतीत है ।
इस पर गर्व करें और भावी पीढ़ी तक इसे सहेज कर रखें ।
आओ ,
यह उम्मीद करें कि यह संदेश हम सभी का मार्गदर्शन करे।
_______ 

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राजेश्वर सिंह राजू

 राजेश्वर सिंह 'राजू'
___________________________________________________________________
जन्म एंव स्थान  : 8 अगस्त 1968, जम्मू 
पिताश्री :  श्री संसार सिंह 
माताश्री : श्रीमती माया देवी 
शैक्षणिक योग्यता : बी.एस. सी 
व्यवसाय  : सीनियर बैंक प्रबंधक 

बतौर कला समीक्षक, कहानीकार, कवि, स्तंभ लेखक 1989 से राज्य व राज्य के बाहर के समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में लगातार प्रकाशन _जैसे दैनिक हिंदुस्तान, नवभारत टाइम्स , वीर अर्जुन ,डेली एक्सेल्सियर ,ग्रेटर कश्मीर, कश्मीर टाइम्स, स्टेट टाइम्स ,दैनिक कश्मीर टाइम्स  डोगरी टाइम्स, जम्मू प्रभात, अजीत समाचार ,नव जम्मू, गलिम्पसिस आफ़ फ्यूचर , अर्ली टाइम्स, शीराज़ा हिंदी , शीराज़ा डोगरी , धर्म मार्ग, नमीं चेतना, सोच ,अमर सेतु ,तवी दीपिका  योजना ,असहाय समाज वर्ग पत्रिका वगैरह। लगभग 100 कहानियां,700 लेख, 50 कविताएं अंग्रेजी, हिंदी व डोगरी भाषा में प्रकाशित ।

रंगमंच के लिए लगभग 15 नाटक लिखे। जिनमें से अधिकांश को जम्मू व कश्मीर के राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त निर्देशक श्री मुश्ताक काक ने मंचित किया । कुछ मुख्य नाटक हैं बाबूजी, विडोज़, एक सार्थक जीवन,  अब वतन आजा़द है ,एक और क्रांति ,रोमियो जूलियट और अंधेरा ,सबक ले लो आज, गुड़िया घर, विराम, सुन ते , कहानी मंच,  अपने ऊप्पर भारी वगैरह ।

किताबें प्रकाशित ____ खौ'दल (2013)_ डोगरी कहानी संग्रैह, अद्ध-मझाटे  (2015)_ डोगरी कहानी संग्रैह. सिक्ख-मत्त (2017)_डोगरी बाल कहानी संग्रैह जीह्ब तलैह्टी गेई (2018)_ डोगरी कहानी संग्रैह, नि:शब्द (2018)_ हिंदी कविता संग्रह, हां - ना (2019)_ हिंदी कविता संग्रह ;कह दो (2020)_हिंदी कहानी संग्रह , केह् पता (2020)_ डोगरी कहानी संग्रैह, तवी उदास थी (2021) _हिंदी कविता संग्रह,,भगवान् मेरे नहीं हैं (2021)_हिंदी कविता संग्रह,Of ART and ARTISTS_(2021)_ English Write ups

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