Rajeshwar Singh 'Raju'

Media writer
Media writer

Achievements

+9 moreView All

शब्दों की आकृतियां

Books by राजेश्वर सिंह राजू

यह सत्य है कि पहले एक ख्याल दिल पर दस्तक देता है । फिर दिल को शब्दों की तलाश रहती है। जब शब्द मिल जाएं तो वह ख्याल शब्दों की आकृति में परिवर्तित होकर साहित्य की किसी एक विधा का हिस्

Read More... Buy Now

चलते - चलते

Books by राजेश्वर सिंह 'राजू'

मैं कविता अपने आप को सिद्ध करने के लिए नहीं लिखता , बस ‘चलते-चलते’ जो भी दाएं - बाएं देखता हूं या अनुभव करता हूं, उन्ही को साधारण शब्दों का आकार दे दिया करता हूं। मैं नहीं चाहता कि

Read More... Buy Now

TAWI SPEAKS

Books by Rajeshwar Singh Raju

TAWI SPEAKS is in fact a small effort from my side for preserving and promoting my mother tongue Dogri and cultural traditions of Duggar Pradesh. Through the write ups in the book what I wish to state is that the sacred river Tawi, which is also called Surya Putri and finds references in religious books is in fact a life line of Jammu province and speaks a lot about the sufferings of regional language and cultural heritage but we should have that sight to see,

Read More... Buy Now

अस्तित्व

Books by राजेश्वर सिंह 'राजू'

अस्तित्व ,पवित्र भूमि डुग्गर प्रदेश  के निवासियों के बीच अपनी मातृभाषा डोगरी और क्षेत्रीय सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए जागरूकता पैदा करने के केंद्र

Read More... Buy Now

क्षितिज पास है नहीं भी

Books by राजेश्वर सिंह 'राजू'

" क्षितिज पास है नहीं भी " हिंदी में 82 कविताओं का संग्रह है। ये सभी कविताएँ  रचनात्मक तत्वों को समेटे हुए हैं और जीवन के विभिन्न पहलुओं को कवर करती हैं। कविताएँ सरल भाषा में लिखी ग

Read More... Buy Now

आओ वर्तमान संवारें

Books by राजेश्वर सिंह 'राजू'

' आओ वर्तमान संवारें ' हमारी संस्कृति-  हमारी विरासत को समर्पित 21 लेखों पर आधारित इस किताब को लिखने के पीछे का मूल मकसद है अपनी मातृभाषा डोगरी,  डुग्गर प्रदेश की संस्कृति और विर

Read More... Buy Now

हमसफ़र

Books by राजेश्वर सिंह राजू

' हमसफ़र '

हमसफ़र लिखने के पीछे मेरा मुख्य उद्देश्य यह रहा है कि जिन महानुभावों ने भाषा, संस्कृति और विरासत को सहेज कर रखने में अपने-अपने ढंग से उल्लेखनीय भूमिकाएं निभाई हैं उन

Read More... Buy Now

अतीत गौरवमय था

Books by राजेश्वर सिंह राजू

." अतीत गौरवमय था " वास्तव में एक माध्यम है शब्दों के रूप में अपनी सांस्कृतिक विरासत के प्रति अपने आपको ही आगाह करने का । इस पुस्तक में प्रस्तुत लेखों के माध्यम से यह प्रयास किया गय

Read More... Buy Now

THROUGH A COMMON LENS

Books by Rajeshwar Singh Raju

'Through A Common Lens' is a compilation of Essays on varied subjects that will not only amuse the readers but will be a thought provoking experience for them too. Written in simple language but with an interesting element while connecting to the subject is added attraction of the Book that will be well received by the readers who wish to read Essays based on personal experiences but having universal appeal. It's an effort with a creative input but with a diff

Read More... Buy Now

झरोखा

Books by राजेश्वर सिंह राजू

झरोखा,
एक प्रयास है अपनी संस्कृति और विरासत के प्रति सचेत होने का।
एक संदेश है अपने आप को जगाने का ताकि हम अपनी जड़ों से उखड़ कर कहीं अपने आप को खो ना दें।
डुग्गर प्रदेश हमारी

Read More... Buy Now

OF ART & ARTISTS

Books by Rajeshwar Singh 'raju'

' Of ART And ARTISTS' is basically a collection of articles dedicated to those artists and literary persons of Duggar region of UT of Jammu & Kashmir who have played a pivotal role in exploring all possibilities to boost regional art, culture and language. They are assets of the society and have a realization that if they will not work for preserving their roots nobody will care. In fact, cultural heritage is our identity. If the culture is lost there is ident

Read More... Buy Now

भगवान मेरे नहीं हैं

Books by राजेश्वर सिंह 'राजू'


'भगवान मेरे नहीं है' वास्तव में एक रंजिश है उस परम परमात्मा के प्रति जब मूलभूत सुविधाएं भी नसीब नहीं बनतीं। तब ईश्वर के प्रति कुछ क्रोध , कुछ असहमति के भाव उबर पाना सहज ही है । उन क

Read More... Buy Now

तवी उदास थी

Books by राजेश्वर सिंह 'राजू'

' तवी उदास थी '
वास्तव में ऐसी कविताओं का संग्रह है जो जिंदगी के हर पहलू को छूती हैं । जहां एक तरफ प्रेम, त्याग और मानवीय संवेदनाओं को सर्वोपरि रखकर कविताओं की रचना की गई है, वहीं हर

Read More... Buy Now

Edit Your Profile

Maximum file size: 5 MB.
Supported File format: .jpg, .jpeg, .png.
https://notionpress.com/author/