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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palप्रिय पाठक ,
सादर नमन !
गजलों की नई शृंखला मे "जिंदगी गुजर गई "गजलें नवीनतम गजलों की
किताब है |जिसमे मैंने जीवन के गुण रहस्यो को कहने की कोशिश किया
है |जीवन वास्तव मे एक जागरण है |जीवन दर्शन की इस छोटी सी गजल
की किताब मे आपको बेहतर से बेहतर शेर मिलेंगे |
हम भीड़-भाड़ जहरीले हवा के वासी |
काँक्रिटो का जंगल है,जंगल सी हवा नहीं |
पता चला मरने के बाद मैं जिंदा था |
इक जिन्दगी गुजर गई मैंने जिया नहीं ||
इन गज़लों को विभन्न माध्यमों स्टेज ,फिल्मों मे लिया व गाया जा सकता है |
आशा है |आप मेरे प्रेम को स्वीकार कर मुझे अनुग्रहित करेंगें |
आपका
होमन देव सोम
होमन देव सोम
होमन देव सोम कवि ,गीतकार ,गजल लेखक |
जन्म स्थान नगरी जिला - धमतरी (छ ग )
शिक्षा -एम ए एम फिल
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