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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजीवन में लोगो के सामने कई परेशानियां आती है, परेशानियां का आना सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• है। जीवन बिना परेशानियों के असंà¤à¤µ है, इंसान का जनà¥à¤® à¤à¥€ कई कठिनाईयों के बाद ही होता है।
समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ आये तो जीवन में कई लोग थक हार कर बैठजाते है, परनà¥à¤¤à¥ जीवन रà¥à¤•à¤¨à¥‡ के लिठनहीं बना है। जीवन में समय किसी के लिठनहीं रà¥à¤•à¤¤à¤¾, यदि किसी अपने की मृतà¥à¤¯à¥ à¤à¥€ हो जाये तब à¤à¥€ यह नहीं रà¥à¤•à¤¤à¤¾à¥¤ जीवन के दोनों पहलॠहै सकारातà¥à¤®à¤• à¤à¥€ और नकारातà¥à¤®à¤• à¤à¥€, सकारातà¥à¤®à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ इसे हर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में सकारातà¥à¤®à¤• रूप में देखते है, वहीं जो लोग नकारातà¥à¤®à¤• होते है वे हर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में नकारातà¥à¤®à¤•à¤¤à¤¾ ढूंढ ही लेते है।
मानव जीवन का मिलना किसी सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ से काम नही है, इस जीवन को à¤à¤°à¤ªà¥‚र जिया जाये और इसका दूसरों के लिठसरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ उपयोग किया जाना जरà¥à¤°à¥€ होता है।
जीवन की सारà¥à¤¥à¤•à¤¤à¤¾ निरंतर चलते रहने में है, कठिनाई तो आते ही रहती है, मायूस होकर रà¥à¤• जाना या फिर असफलता मिलने पर हारकर बैठजाना इस आदत को बदला जा सकता है। जब हम जीवन को समà¤à¤¤à¥‡ है तब हम इसकी सारà¥à¤¥à¤•à¤¤à¤¾ को à¤à¥€ समठपाते है।
जीवन à¤à¤• नदी है तो आप उसमे बैठे नाविक है, यदि आपकी मंजिल समंदर है तो रà¥à¤• जाने से काम नहीं चलेगा। मंजिल की चाहत है तो लगातार चलते रहना होगा।
डॉ. ललित मोहन गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾
जीवन जीने की कला, तथा सफलता को कैसे पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करे यह डॉ ललित मोहन गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ अपने सेमिनार में सिखाते है। डॉ ललित मोहन गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ रह चà¥à¤•à¥‡ है, जहाठउनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन को संचालित करने के कई गà¥à¤£ विकसित किये। लोकवà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° की कला को सà¥à¤¦à¥à¤°à¥ बनाते हà¥à¤ जीवन के कई कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में सफलता हासिल कर चà¥à¤•à¥‡ डॉ ललित मोहन गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ जीवन जीने के मंतà¥à¤° लोगों से साà¤à¤¾ कर चà¥à¤•à¥‡ है अपनी किताब 'जीवन और पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन मंतà¥à¤°' के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾à¥¤ डायनामिक मैमोरी गà¥à¤°à¥ डॉ ललित मोहन गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ अपना नाम 'इंडिया बà¥à¤• ऑफ रिकारà¥à¤¡à¥à¤¸ ' में à¤à¥€ दरà¥à¥› करवा चà¥à¤•à¥‡ है। मैमोरी का अधिकतम इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² कैसे करे यह उनकी किताब पà¥à¤•à¤° समà¤à¤¾ जा सकता है।
शà¥à¤°à¥€ गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ à¤à¤• जाने माने पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤• वकà¥à¤¤à¤¾ है जो छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ तथा करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अपनी बातों से जीवन जीने की कला सिखाते है। कलारीपयटà¥à¤Ÿà¥‚ को सà¤à¥€ मारà¥à¤¶à¤² आरà¥à¤Ÿ का जनक à¤à¥€ कहा जाता है। डॉ गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ ने बेंगलà¥à¤°à¥ से कलारीपयटà¥à¤Ÿà¥‚ में निपà¥à¤£à¤¤à¤¾ हासिल की है वे यह मानते है की कलारीपयटà¥à¤Ÿà¥‚ न सिरà¥à¤« à¤à¤• बेहतरीन यà¥à¤¦à¥à¤§ कला है, बलà¥à¤•à¤¿ साथ ही साथ यह जीवन जीने की कला à¤à¥€ सिखाती है।
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