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Joost-a-ju roshni ki / जुस्तजू रोशनी की Ghazal sangrah

Author Name: Pranesh Kumar | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

संग्रह की ग़ज़लें संघर्ष को प्रेरित करती हैं। व्यवस्था की काली दुनिया के खिलाफ रोशनी की जंग की वकालत करती हैं।  जन की पीड़ा को व्यक्त करने का प्रयास करती हैं - सत्ता के तानाशाह चेहरे को बेनकाब करती है  - आजादी , प्रजातंत्र और मनुष्य के हकों के लिए प्रतिरोध का आह्वान करती हैं । पीड़ा, एकाकीपन और हताशा को भी व्यक्त करती हैं ये ग़ज़लें, लेकिन उनसे उबरने के लिए आशा की किरणों की आकांक्षा भी हैं इनमें।  प्रेम को जीवन में संघर्ष के साथी के रूप में व्याख्यायित करने का भी प्रयास  किया गया है इन ग़ज़लों में। 

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प्राणेश कुमार

इस ग़ज़ल संग्रह के रचनाकार, प्राणेश कुमार का जन्म 11 जनवरी 1955 में, गोला, रामगढ़ ,(झारखंड ) में हुआ । कई पत्र-पत्रिकाओं के संपादन से जुड़ने के बाद इन्होंने 'युद्धरत आम आदमी' (साहित्यिक पत्रिका) का दशाधिक वर्षों तक संपादन किया। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इनकी सैकड़ों रचनाएं प्रकाशित हैं । पांच कविता संग्रह, दो लघुकथा संग्रह और एक गजल संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं । इन्होंने कई पुस्तकों का संपादन भी किया है। 

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