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JP: Nayak Se Loknayak Tak / जे पी: नायक से लोकनायक तक

Author Name: Praveen Kumar Jha | Format: Paperback | Genre : Biographies & Autobiographies | Other Details

जयप्रकाश नारायण की कहानी आज़ादी से पूर्व और आज़ादी के बाद लगभग बराबर बँटी है।


जे पी को समझना देश को समझने के लिए एक आवश्यक कड़ी है। अगस्त क्रांति के नायक जिनका जीवन एक क्रांतिकारी मार्क्सवादी से गुजरते हुए गांधीवाद और समाजवाद के मध्य लौटता है, और पुनः एक लोकतांत्रिक क्रांति के बीज बोता है। एक ऐसे नायक की कथा जिनके स्वप्न और यथार्थ के मध्य एक द्वंद्व रहा, और कहीं ना कहीं यह देश भी उसी द्वंद्व से आज तक गुजर रहा है।

मुख्य अंश:
★ सिताब दीयारा, बलिया (Sitab Diara, Balia)

★ गांधी (Gandhi)

★ असहयोग आंदोलन (Non Cooperation Movement)

★ अमेरिका में जे पी (J P in America)

★ ग़दर (Ghadar)

★ कोंग्रेस (Congress)

★ भारत छोड़ो आंदोलन अगस्त क्रांति (Quit India Movement 1942 August Revolution)

★ भूदान (Bhoodan)

★ विनोबा भावे (Vinoba Bhave)

★ चम्बल के डकैत (Chambal Dacoits)

★ सम्पूर्ण क्रांति (Total Revolution)

★ इमर्जेंसी (Emergency)

★ इंदिरा गांधी (Indira Gandhi)

★ जनता पार्टी (Janta Party)

★ जन संघ (Jan Sangh)

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प्रवीण कुमार झा

प्रवीण कुमार झा अपने बहुआयामी लेखन के लिए चर्चित नाम हैं। उन्होंने गिरमिटिया इतिहास पर ‘कुली लाइन्स’, हिंदुस्तानी संगीत पर ‘वाह उस्ताद’, कथा-विधा में ‘चमनलाल की डायरी’, भारतीय इतिहास, यूरोपीय देशों जैसे नॉर्वे, नीदरलैंड, और आइस्लेंड पर संस्मरण लिखे हैं। उनका जन्म बिहार में हुआ, अमरीका और यूरोप महादेशों में रहे। सम्प्रति नॉर्वे में विशेषज्ञ चिकित्सक हैं। 

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