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Kamayani ki Daarshnikta / कामायनी की दार्शनिकता

Author Name: Sant Kumar Sharma | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

इस पुस्तक में हिन्दी के लब्ध प्रतिष्ठित कवि जय शंकर प्रसाद की कालजयी कृति कामायनी के दार्शनिक पक्ष की या यूँ कहें कि जय शंकर प्रसाद की दार्शनिक जीवन पद्धति का अध्ययन करने का प्रयास किया है। प्रसाद हिन्दी साहित्य जगत के ऐसे सूर्य हैं जिनकी आभा से हिन्दी साहित्य जगत सदैव जगमगाता रहेगा। प्रसाद का जीवन दर्शन प्रसाद की समस्त रचनाओं में दृष्टिगोचर होता है। विशेष रूप से कामायनी तो प्रसाद के दार्शनिक पक्ष का जीवंत उदाहरण है। कामायनीकार ने कामायनी में न केवल जल प्रलय की घटना का वर्णन किया है अपितु उन्होने इस अत्यंत लघु वर्णन की सहायता से जिस विस्तृत विषय का विस्तार किया है वह प्रसाद के शैव एवं बौद्ध जीवन दर्शन का ही विस्तार हैं ।

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सन्त कुमार शर्मा

नामः  संत कुमार शर्मा

शिक्षाः  स्नातकोत्तर हिंदी, संस्कृत एवं इतिहास

जन्मः  नई दिल्ली

प्रकाशित रचनाएँ:  

गुलदस्ता, तांडव आकांक्षा, कण कण होगा मलियाली (काव्य संग्रह)

सामान्य हिन्दी भाषा (प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु उपयोगी)

हिंदी व्याकरण एवं रचना, हिन्दी सेम्पल पेपर (विद्यालययी पुस्तकें)

विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में समय-समय पर प्रकाशित लेख एवं कविताएँ।

दिल्ली सरकार के संस्कृत अकादमी दिल्ली के 'विद्यालयी सेवा सम्मान', दिल्ली हिन्दी अकादमी के 'हिन्दी शिक्षक सम्मान' 'उदय सम्मान' एवं भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीनस्थ नवोदय विद्यालय समिति के 'गुरु श्रेष्ठ सम्मान' से सम्मानित।  

संप्रति भारत सरकार के स्वायत्त संस्थान नवोदय विद्यालय समिति में अनुसंधान एवं प्रकाशन अधिकारी के पद पर कार्यरत।

सम्पर्क सूत्रः santkumarsharma@gmail.com

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