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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palपढ़ने का हक़ तो सबको है पर आज भी कुछ लोग लड़कियों की पढाई के बारे में रूढ़िवादी सोच रखते है की लड़की की जगह सिर्फ शादी विवाह और चूल्हे चौके तक सिमित है. कई राज्यों के छोटे गाँव में ये सोच आज भी ऐसी ही है, फिर भी यहाँ की लड़कियाँ इन सब से ऊपर उठ कर ऊचाईओं को छू रही है. ऐसी ही ऊँचाई तक के सफर की एक कहानी आपको इस पुस्तक में मिलेगी। "कन्यादान से पहले ज्ञान" ये हमारी सोच होनी चाहिए ताकि दुनिया की हर लड़की को सपने देखने और उन्हें पूरा करने का मौका मिले .... बिना इन सपनो की कीमत चुकाए। इस कहानी में भी सपने देखे गए, पर उन्हें पूरा करने के लिए बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी.
अरुणिमा अरुण
मैं अपनी पढाई के साथ साथ अपने कविता और कहानियों के माध्यम से दिल की बात कह देती हूँ। मेरी पढाई मुंबई, बनारस एवं दिल्ली से हुई है, क्योंकि मेरे पापा सरकारी नौकरी में है और इसी बहाने अलग अलग जगह घूमने और उससे जान्ने का मौका मिल पाया।
मुझे लगता है लिखना लेखक की ताक़त भी है और कमज़ोरी भी क्योंकि वो हर जज़्बात को शब्द जो दे देते हैं, पर मुझे लागता है लिखना मेरी बहुत बड़ी ताक़त है।
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