You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकर्म हमारे जीवन के सुख और दुख का जिम्मेदार हैं। हम या तो कुछ गलत करते हैं, जिससे हम इस जीवन में दुखी होते हैं या हम कुछ अच्छा करते हैं और हमे इनका सुख मिलता है। हम अपने आसपास की घटनाओं को कैसे स्वीकार करते हैं और कैसी प्रतिक्रिया करते हैं,सुख -दुख इस पर ही निर्भर करता है|जब कुछ गलत होता है, तो हम समझते है की हमरे द्वारा किया गया कोई कर्म सामने आया है, और जब बुरा होता है तब भी यही सोचते है। इससे पता चलता है की कर्म ही हमारे जीवन को आगे बढ़ाने मे मदद करता है। कर्म ही आखरी सच है, ओर यही आखरी सच हमे मान लेना चाहिए।
राम प्रताप सिंह
राम प्रताप सिंह भारतीय सेना, मैकनाइज्ड इनफेन्ट्री रेजीमेंट व सीमा सुरक्षा बल में एक सैन्य अधिकारी थे | उन्हे सैन्य सेवा का 36 वर्षों का अनुभव है| उन्होंने MA (English),LLM, PGDHR (Post Graduate Diploma in Human Rights), DLL&LW (Diploma in Labour Laws and Labour Welfare), Diplomaa in Cyber Laws, MDBA (Master Diploma in Business Administration) में मास्टर्स डिग्री व डिप्लोमा हासिल किया है | सैन्य सेवा से मुक्त होने के बाद उन्होंने वकालत का पेशा भी अपनाया | अब वह अपना पूरा समय पठन-पाठन व लेखन में देते हैं | “कर्मा” उनका 28 वां उपन्यास है |
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.