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karmkundali / कर्मकुंडली

Author Name: Pandit Ashok Nagar | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

ज्योतिष शास्त्र एक प्राचीनतम महान विद्या है। विद्वान ज्योतिषी कुंडली के माध्यम से बताए गए योग द्वारा मनुष्य के भविष्य के समय की स्थिति,मूल-प्रकृति,स्वभाव, मित्र,शिक्षा,संपत्ति,विवाह,जन्म-मरण तथा ग्रहों की शांति के उपाय अपने ज्योतिषीय ज्ञान के आधार पर ही प्रस्तुत करते हैं।

ज्योतिषविद्या का व्यवसायीकरण करके लोगों को ठगने और धन कमाने वाले और निस्वार्थ भाव से सेवा करके लोगों के कष्ट दूर करनेवाले दोनों प्रकार के ज्योतिषियों की तुलना करके उपन्यास के रूप में प्रस्तुत किया गया है। कुछ तथाकथित धन लोलुप ज्योतिषियों की वजह से इस प्राचीनतम सच के धरातल पर लिखे गए ज्योतिष शास्त्र से लोगों का विश्वास उठता जा रहा है।कुछ लोग ज्योतिष का आधा अधूरा ज्ञान प्राप्त करके,यथाशीघ्र अपनी ज्योतिष की दुकान खोलने अर्थात ज्ञान वितरण केंद्र का उद्घाटन करने को उतावले रहते हैं।और थोड़ा इस किताब से,थोड़ा उस किताब से काम चलाऊ ज्ञान प्राप्त करके पैसे ऐंठना प्रारंभ कर देते हैं, तो उस अर्ध ज्ञानी बल्कि अर्थ ज्ञानी की कामचलाऊ ज्योतिष विद्या पर सवाल उठना चाहिये ना कि ज्योतिष शास्त्र की सच्चाई पर।

मेरा सभी पाठकों से विनम्र निवेदन है कि- ज्योतिष शास्त्र की  सच्चाई पर शंका-कुशंका करके इस प्राचीनतम सत्य के धरातल पर परखी हुई भव्य एवं दिव्य ज्योतिष विद्या पर सवाल खड़े न करें।

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पंडित अशोक नागर

नाम-पंडित अशोक नागर

जन्मतिथि-28 जुलाई 1959

जन्म स्थान-ग्राम पोस्ट-लड़ावद जिला-शाजापुर(मप्र) पिन-465220

निवास-एम.आई.जी. 111 वार्ड नंबर 27लालघाटी,

शाजापुर(मप्र) पिन465001

मो.903 918 9459 & 98264-34656

ईमेल-nagar656kavi@gmail. com

यूट्यूब-kavi ashok nagar

प्राथमिक शिक्षा-धरोला लड़ावद मोड़ी

माध्यमिक-आगर*शाजापुर

महाविद्यालयीन शिक्षा- बालकृष्ण शर्मा'नवीन' महाविद्यालय शाजापुर(मध्य प्रदेश)

संप्रति-स्वैच्छिक सेवानिवृत्त

मध्यप्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम,सिटी डिपो,भोपाल(मप्र)

गतिविधि- हास्यकवि,मंच संचालक

लगभग 3 हजार कविसम्मेलनों में काव्यपाठ या संचालन

प्रवचन- लगभग108श्रीमद्भागवत,

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