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kashishk / कशिश्क ( कशिश-ए-इश्क़)

Author Name: Rashmi Kaulwar | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

"कशिश्क" याने इश्क की कशिश में ऐसा अजब दिल का खिंचाव, मन का लगाव है कि चाहकर भी हम इससे बच नहीं पाते है। यह ऐसी दिल की लगी है जो हर किसी का मन मोह लेती है। "कशिश्क" इतना खूबसूरत एहसास है जो मन को सम्मोहित करता है। रातों की नींद, दिन का सुकून छीन लेता है फिर भी यह एहसास बहुत मीठा और प्यारा लगता है।इश्क की कशिश भी खूब होती है, हर पल ख्वाहिश महबूब की होती है, साथ हो दुनिया भले मगर महबूब की कमी महसूस होती है।

मोहब्बत की हसीन दुनिया में हम खो जाते है बिना बोले ही हम किसी के हो जाते है। दुनिया जन्नत से भी सुंदर लगने लगती है, ज़िन्दगी से फिर से प्यार हो जाता है। ना पैरो तले जमीन होती बस ख्वाबों के पंख लगा कर मन ख्वाहिशों के आसमान की सफर पर निकल पड़ता है।

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सौ. रश्मी कौलवार

    श्रीमती रश्मि अंकुश कौलवार का जन्म महाराष्ट्र के परभणी जिले के छोटे से शहर गंगाखेड़ में हुआ। यह अपने माता पिता की प्रथम संतान हैं। पढ़ाई में सदैव अग्रसर रही हैं और प्रथम श्रेणी से वाणिज्य स्नातक किया। साथ ही साथ इन्हाने कुकिंग में डिप्लोमा तथा कंप्यूटर का प्रशिक्षण भी लिया। पढ़ने लिखने के साथ अन्य कला गुणों व गतिविधियों में यह हमेशा आगे रहीं।

नामांकित चार्टर्ड अकाउंटेंट श्री अंकुश कौलवार की सुविद्य पत्नी, एक लेखिका तथा कवयित्री होने के साथ ही सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। संयुक्त परिवार में रहकर, सबके प्रति अपने कर्त्तव्यों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करते हुए इन्होंने अनेकों लेखन और कला प्रतिस्पर्धाओं में न केवल भाग लिया अपितु विजयी भी रहीं।
इनकी प्रकाशित पुस्तकों में "रश्मि की काव्यांजलि", "हृदय स्पर्शी", "आस्था की दिव्य ज्योति", "आगाज़ नए सफ़र का" यह पांच एकल हिंदी काव्य संकलन तथा "शब्द रश्मी" भाग 1 और भाग 2 " ये मराठी काव्य संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त समय-समय पर इनके द्वारा लिखी गई रचनाएं अनेक मासिक पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं।

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