Notion Press
Sign in to enhance your reading experience
You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Sign in to enhance your reading experience
Sign in to continue reading.
Join India's Largest Community of Writers & Readers
An Excellent and Dedicated Team with an established presence in the publishing industry.
Vivek SreedharAuthor of Ketchup & Curryयह मशहूर भारतीय उपन्यासकार रवीन्द्र प्रभात का पाँचवाँ उपन्यास है, जो कश्मीर के सामाजिक तानेबाने को समय के साथ ध्वस्त होने की कहानी बयान करता है। साथ ही कश्मीर के शर्मनाक और दहशतनाक ऐतिहासिक पहलूओं की गहन पड़ताल भी करता है। किस्सागोई शैली में लिखा गया यह उपन्यास आम पाठक के लिए काफी रोचक और पठनीय है। कश्मीर जैसे ज्वलंत विषय पर बिना किसी पूर्वाग्रह और बोझिल विश्लेषण से बचते हुए लेखक ने पुस्तक की जानकारियों को स्वाभाविक अंदाज में संप्रेषित किया है। कश्मीर पर आधारित यह उपन्यास ऐसे समय में आया है जब भारत सरकार ने ऐतिहासिक फैसला करते हुए कश्मीर से धारा 370 को समाप्त कर जम्मू कश्मीर को दो भागों में बाँट दिया है और इसको लेकर भारत पाकिस्तान के बीच एक बार फिर संवादहीनता की स्थिति बनी है। सत्य घटनाओं पर आधारित यह उपन्यास इंसानी जूझारूपन की एक ऐसी कहानी है जो हर भारतीय के दिल में शांति इंसानियत और न्याय के सहअस्तित्व के प्रति विश्वास को बल प्रदान करता है, वहीं कश्मीरी हिन्दुओं की व्यथा को औपन्यासिक कलेवर में बांधकर प्रस्तुत भी करता है। कश्मीर के मसले को देखने–समझने वाली एक पीढी जब लगभग समाप्त हो चुकी है तब नई पीढी के लिए इस वक्त में इस उपन्यास का आना काफी प्रासंगिक है ।
रवीन्द्र प्रभात
रवीन्द्र प्रभात भारत के एक हिंदी उपन्यासकार, पत्रकार, कवि और कथाकार हैं। उनकी रचनाओं को अन्य भाषाओं में अनुवादित किया गया है और विभिन्न साहित्यिक पत्रिकाओं तथा समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया है। वे एक यथार्थवादी लेखक हैं, जो अक्सर सामाजिक विषयों के साथ साथ मानवीय पीड़ा पर लगातार लिखते रहे हैं। उनकी लेखनी अक्सर मानवीय पीड़ा और सामाजिक मुद्दों को स्पर्श करती रही है। वे हिन्दी ब्लोगिंग का ऑस्कर कहे जाने वाले सम्मान परिकल्पना पुरस्कार के संस्थापक सदस्य हैं। वर्तमान में वे परिकल्पना समय (हिंदी मासिक पत्रिका) के प्रधान संपादक हैं। उनकी प्रकाशित पुस्तकें- (1) हमसफर ( प्रथम गीत-गजल संग्रह, 1991), मत रोना रमज़ानी चाचा (गजल संग्रह, 1995), स्मृति शेष (काव्य संग्रह, 2000), ताकि बचा रहे लोकतन्त्र (उपन्यास, 2012) (5) प्रेम ना हाट बिकाए (उपन्यास, 2012) (6) धरती पकड़ निर्दलीय (उपन्यास, 2013) (7) लखनऊआ कक्का (भोजपुरी उपन्यास, 2018) (8) समकालीन नेपाली साहित्य (महत्वपूर्ण लेखन, निबंध और साक्षात्कार, 1995) (9) हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास (2011) ( (10) हिन्दी ब्लॉगिंग: अभिव्यक्ति की नई क्रांति (2011) (11) हिंदी भाषा के विविध आयाम (2018) (हिंदी निबंध संग्रह) टेली डाक्यूमेंटरी- नया बिहान (पटकथा लेखक, 1992) "बिहार शिक्षा परियोजना" में सीतामढ़ी जिले की यूनिट में यूनेस्को से संबंधित योजना के तहत महिला शिक्षा पर आधारित टेलीविजन डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रसारण। जालस्थल- http://www.ravindraprabhat.in/ पत्राचार का पता- परिकल्पना, एन -1/107, सेक्टर-एन -1, संगम होटल के पीछे, लखनऊ -226024 (यू.पी.) संपर्क ईमेल आईडी- ravindra.prabhat@gmail.com/ मोबाइल नंबर 9415272608
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.