हिंदी साहित्य में मुक्तक भी प्रभाव शाली विधा है। मुक्तक का अर्थ ,,,अपने आप में पूर्ण होना है। इसमें एक छंद का दूसरे छंद से संबंध नहीं होता। इसमें चार पंक्तियां जिसमें पहली, दूसरी और चौथी पंक्ति तुकांत होती हैं। एक पूरी कविता का सामर्थ एक मुक्तक रखता है। मैंने अपने चुनिंदा मुक्तक इस पुस्तक में रखे हैं। जीवन के संदर्भ से जुड़े सभी विषयों पर। सामाजिक रिश्तों पर, पर्यावरण पर, देश के हालात पर, आदमी के मरते अहसास पर। महँगाई से जूझते इंसान पर