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Kiski Raah Dekhen Hum / किसकी राह देखें हम

Author Name: Raj Rishi Sharma | Format: Hardcover | Genre : Young Adult Fiction | Other Details

     मरीचिका तो अंतत: मरीचिका ही होती है, चाहे किसी भी वस्तु के प्रति हो। फिर इसका कोई अंत भी तो नहीं होता। दौड़ता दौड़ता इंसान थक हार कर बैठ जाता है। राधिका की भी कुछ ऎसी ही अवस्था थी। उस की भी हर आस समय के साथ साथ टूटती चली जा रही थी। 

       "माधव ! मेरी बात ध्यान से सुनो। मैं आपको अपने जीवन की एक सब से बड़ी सच्चाई बताने जा रही हूँ।” क्षणभर चुप रहने के पश्चात राधिका ने कहना आरम्भ किया, "यह सच है माधव कि मैं आपको  बहुत ही अधिक प्यार करती हूँ। जिस दिन मैं पहली बार आपसे मिली थी, तब से ही मैं आपको चाहने लगी थी, लेकिन जिस दिन दुर्घटना मैं घायल हो गई थी और आपने मुझे अपना रक्त दिया था, तब से मानों मैंने अपना सर्वस्व ही आपके नाम कर दिया।

      प्यार का यह भी कैसा दीवानापन है कि राधिका अभी भी सबकी नज़रों से बचती हुई बालकनी में आकर सामने गेट की और ही निहार रही थी। यहां पर कम से कम वह तो नहीं ही था, जिसे वह अपनों  परायों की भीड़ में ढूँढने का प्रयास कर रही थी।

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राज ऋषि शर्मा

राज ऋषि शर्मा हिंदी, डोगरी तथा अंग्रेजी भाषा के सुप्रसिद्ध लेखकएवं पत्रकार हैं। मुख्य रूप से यह हिंदी में ही लिखते हैं। अब तक उनकी कई पुस्तकें एवं रचनाएं  विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं, संग्रहों में प्रकाशित तथा आकाशवाणी द्वारा प्रसारित हो चुकी हैं।


राज ऋषि शर्मा 1975 में 'महक' तथा 2022 में 'महकती वाटिका' पत्रिका के संपादक एवं प्रकाशक भी रहे हैं। इसके अतिरिक्त 1977 में 'राजर्षि कल्चर क्लब' का संचालन भी इन की प्रमुख गतिविधियों में सम्मिलित रहा है।

वर्तमान में, वह लेखन कार्य के अतिरिक्त 'महकती वाटिका' नामक काव्य संग्रहों की श्रृंखला के संपादन और प्रकाशन में भी लगे हुए हैं।

राज ऋषि शर्मा 'साहित्यालंकार' तथा 'साहित्य श्री' की उपाधि से भी सम्मानित किये जा चुके हैं।

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