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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकृष्णकली तथा अन्य कहानियाँ राजशेखर बासु 'परशुराम' कृत विभिन्न कहानियों का संग्रह है जिसमें हास्य है तो समाज के विभिन्न वर्गों की सोच को आईना भी दिखाती है। बहुत ही सरल शब्दों में लिखी गयी लघु कथाएँ ऐसी है जो क्लासिक्स होने के बावजूद आज के समाज को भी परिदर्शित करती प्रतीत होती है।
राजशेखर बासु 'परशुराम', Ratna Roy, Saraswati Rani Dey
राजशेखर बासु (1880-1960), उपनाम ‘परशुराम’ नाम से लिखनेवाले बीसवीं सदी में बाँग्ला साहित्य जगत् के सुप्रसिद्ध लेखकों में से एक थे। इनके पिताजी चंद्रशेखर बासु दरभंगा राज में दीवान थे। बचपन में मैथिली और हिंदी के बीच बड़े हुए राजशेखर बासु जब उच्च शिक्षा के लिए पटना आये तो उनका संपर्क कुछ वक्ताओं के साथ हुआ जिनसे प्रेरणा लेकर उन्होंने लिखना शुरू किया । उनकी विलक्षण प्रतिभा हर उस क्षेत्र में परिलक्षित होती रही जहाँ भी उन्होंने अपना योगदान दिया। राजशेखर बासु को उनकी कृतियों के लिए कई पुरस्कारों से नवाज़ा गया। 1955 में ‘कृष्णकलि और अन्य कहानियाँʼ को रवीन्द्र पुरस्कार दिया गया। 1956 में ‘पद्मभूषणʼसे भी सम्मानित किया गया। 1957 में जाधवपुर विश्वविद्यालय द्वारा डी॰लिट्॰की उपाधि प्रदान की गयी और 1958 में ‘आनंदीबाई और अन्य कहानियाँʼ के लिए अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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