Share this book with your friends

Kuch Kehta Hun / कुछ कहता हूँ

Author Name: Praveen Bahl | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

तीन महीने के उपरान्त प्लास्टर कट गया और मुझे याद नही कि मुझे उस पास के स्कूल में मेरा बड़ा भाई मुझे टाट पर बिछा आता था शायद ये सोचकर कि शायद कुछ समय के लिए घर से बाहर हो जाएगा क्योंकि मैं बोलने बहुत लग गया था कभी तो वो ऐसे स्कूल फेंकर आता था जैसे किसी भारी भरकम पत्थर को फेंका जाता था।

जानना चाहते है कि उस समय की जिन्दगी क्या थी? एक तो मुझे पढ़ाई से प्यार हो गया था। इसलिए मैं हर ताने और हर कष्ट को सहकर भी आगे पढ़ना चाह रहा था। उस समय के स्कूल स्कूल स्कूल न होकर बल्कि एक नाममात्र की संस्थाएं होती थी मैं अपनी जिन्दगी के वो दिनजानता हूँ कि जब मुझे अधिक समय बैठे रहने और पेशाब आने के दर्द शुरू हो जाता था तो मैं धीरे-धीरे उसे कपड़ो में ही कर देता था और उसे सुखने के लिए घन्टों में अपनी जगह नहीं छोड़ता था। अपनी मुश्किले किसी से नहीं कहता था क्योंकि मैं जानता था कि अगर मै मुश्किले बताऊंगा तो मुझे पढ़ाई से उठा लिया जाएगा .......इसी प्रकार शरीर को कई चीजे सहने की आदत पड़ गई पर मैं किसी भी हालत मे पढ़ाई छोड़ना नहीं चाहता था।

Read More...
Paperback
Paperback 215

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

प्रवीण बहल

पिता: डॉ. मदनलाल बहल

व्यवसाय: रिटायर्ड मैनेजर (इंडियन ओवरसीज बैंक )

कॉलेज लाइफ से ही इन्हें अच्छी रचनाएँ लिखने का शौक था । कॉलेज मैग्जीन में ही इनकी कविताएँ, लघुकथाएँ पंजाबी और संस्कृत भाषा में प्रकाशित होती रहीं । 1980 में इन्होंने भारतीय विकलांग संघ कल्याण बनाकर विकलांगों की सेवा की और फिर हरियाणा विकलांग क्रिकेट एसोसिएशन के माध्यम से विकलांग खेलों को मान्यता दिलवाने की कोशिश की। भारतीय विकलांग कल्याण संस्थान ने इनकी कई पुस्तकों का प्रकाशन किया । जिनमें 'रिश्ता', ठुकराती राहें (उपन्यास) प्रकाशित हुईं, साथ ही इनकी रचनाएँ रेडियो पर भी प्रकाशित होती रहती हैं ।

प्रकाशित कृतियाँ : रिश्ता, ठुकराती राहें (उपन्यास), दिशा, खामोशी, कुछ पल कुवैत में (काव्य संकलन), आँसू बहते रहे, टूटे हुए सपने, जलते चिराग आदि ।

अन्य उपयोगी पुस्तकें : 1. नवीन फर्स्ट एड, 2. फर्स्ट एड, 3. सिविल डिफेंस, 4. दीया जलाए कौन है, 5. यह कैसे हुआ आदि ।

बाद में समय समय पर इनकी रचनाएँ एवं काव्य संकलन भी प्रकाशित होते रहे हैं ।

प्राप्त सम्मान : 1980 मैं इन्हें भारत के राष्ट्रपति महोदय ने नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया, हरियाणा सरकार से दो बार जिला स्तर पर एवं 6 बार बड़े-बड़े पुरस्कार मिले हैं।

इनके संघर्ष भरे जीवन पर 600 पेज की एक जीवनी भी लिखी गई है।

Read More...

Achievements

+6 more
View All