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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal'कुछ ख्वाब अधूरे मेरे भी’ काव्य संग्रह सेजल वैश्य जी की पहली पुस्तक है। इस कविता संग्रह की कविताएँ लेखिका के कुछ अपूर्ण ख्वाबों से उपजी हुई हैं। कविता मन के भावों को व्यक्त करने का सर्वोत्तम तरीका है, लेखिका ने इस पुस्तक में अपने मन की उड़ान को शब्दों की माला में पीरोकर अन्तःकरण का एहसास दिलाया है। इस पुस्तक की पंक्तियाँ मनुष्य के मन की सोच, हौसला, अभिलाषा, चंचलता, भावुकता, प्रेम, त्याग, संबंधो की व्याकुलता, महत्वता को दिशा प्रदान कर रही हैं, जीवन के प्रति आत्मविश्वास को बढ़ा रही हैं। इस पुस्तक का उद्देश्य जीवन के बहुआयामी रूपों से हर व्यक्ति को रूबरू कराते हुए अपने हर सपने को पूरा करने की ललक को बल देना है फिर चाहे उसके लिए कुछ भी त्यागना पड़ जाए क्योंकि ‘कुछ खोना है तो कुछ पाना है, जीवन का खेल पुराना है'!
सेजल वैश्य
सेजल वैश्य जी का जन्म 8 अप्रैल, सन् 2003 में अमेठी जिले के जगदीशपुर क्षेत्र में हुआ। सेजल जी के पिता जी का नाम मनोज वैश्य व माता जी का नाम संगीता वैश्य है। सेजल, उच्च शिक्षा की छात्रा हैं और जुनून द्वारा लेखिका हैं। ये वर्तमान समय में लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक कर रही है। सेजल वैश्य एक उत्साही पाठक और गुलज़ार साहब की प्रशंसक रही हैं। लेखन उनके लिए कुछ ऐसा है जोकि उन्हें अपने परिवार की ओर से विरासत में मिला है। ‘कुछ ख्वाब अधूरे मेरे भी’ इनकी प्रथम कविता संग्रह है। सेजल अंतर्मुखी व्यक्तित्व की है, ये अपनी अनुभूति को दूसरों के साथ साझा करने में असहज महसूस करती है इसलिए उन्होंने अपने अनुभव, समस्याओं, जीवन के चरणों आदि को लिखना शुरू कर दिया और इस पुस्तक की सहायता से आपके समक्ष रख रही हैं।
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