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Kuch toh baki hai / कुछ तो बाकी है

Author Name: Paridhi Singhai | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

"कुछ तो बाकी है" इस किताब के माध्यम से संकलनकर्ता ने सह-लेखको को, अपने मन की बात रखने का मौका दिया है कि, सब कुछ करने के बाद भी कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ तो बाकी रह ही जाता है, इस किताब में सह-लेखकों ने अपनी- अपनी कविताओं में बताया है कि, इतना प्रयास, इतना सब कुछ मिलने के बाद भी," कुछ तो बाकी है" दिल, और दिमाग, में फिर भी कुछ ना कुछ तो बाकी रह जाता है, कोई ख्वाहिश, कोई ख्वाब, किसी का प्यार, तो किसी का परिवार, कुछ भी संपूर्ण नहीं मिलता, कुछ तो बाकी रह ही जाता है, एक ना एक अरमान सबका अभी बाकी है "कुछ तो बाकी है"।

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परिधि सिंघईं

परिधि जैन सिंघई भारत के मध्य प्रदेश राज्य के आगर जिले में स्थित सुसनेर की निवासी है। वह अपने स्नातक तक की शिक्षा पूर्ण कर चुकी है और अभी वो एक नृत्यरचना-कार के पद पे सज है तथा इनकी रुचि,पेंटिंग, स्केचिंग, खाना पकाना, नृत्य, कलाकारी, गाना गाने और लिखने में है। इनको भक्ति गीत लिखना एवम् गाना बहुत पसंद है। इन्होंने कई काव्य संग्रह में सह लेखिका के रूप में भूमिका निभाई है। परिधि 2014 से लिख रही है,वह समाज, आज के लोग, आज कल के माहौल, कर्म, प्यार, दिल टूटना,सच इत्यादि पर कविताएँ लिखना पसंद करती है। इनकी पहली पुस्तक "अर्धसत्य" को जरूर पड़े।अगर आप सभी उनको पढ़ना और करीब से जानना चाहते हैं तो आप उन्हें इंस्टाग्राम पे फॉलो भी कर सकते है, 

@inspiration_poetry_Quotes9

परिधि ने 22- 23 बार रेडियो वृष्टि पर अपनी कला का प्रदर्शन दिया है, उनको अब तक 200 से भी ज्यादा सम्मान पत्रों और मैडल से सम्मानित भी किया जा चुका है।

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