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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमहाभारत एक महाकाव्य है | महाभारत की कथा तो सब बचपन से सुनते आए हैं | इसमें तो कथाओं के अन्दर भी कथा है और बहुत सारे पात्र हैं | इतने सारे पात्र तो हैं लेकिन किसी को शांति नहीं | सब अपने ही दुःख में पिसे जा रहे हैं |
चाहे भीष्म पितामह हों या धृतराष्ट्र, गांधारी हो या कुंती या फिर द्रौपदी , दुर्योधन,अश्वत्थामा,शकुनि या कर्ण हो सभी के जीवन के अलग- अलग दुःख हैं जो उनके आचरण में परिलक्षित होते हैं | महाभारत के युद्ध मूल कारण तो यही हैं |
इस पुस्तक में कुछ पात्रों की संवेदनाओं को अपने दृष्टिकोण से कवयित्री ने प्रस्तुत करने की कोशिश की है | उनके ह्रदय की वेदना को एक सामान्य इंसान की तरह समझने का प्रयास किया है |
रेणु प्रसाद
कवयित्री रेणु प्रसाद ने हिंदी साहित्य जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई हैं | जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टि रखने वाली साहित्यकार हिंदी साहित्य में एम.ए होने के साथ 35 वर्षों के शिक्षण की अनुभवी भी हैं |
झारखण्ड प्रान्त के बोकारो स्टील सिटी नामक शहर की रहनेवाली कवयित्री ने कविता के साथ लेख, उपन्यास और कहानियों की रचना भी की हैं | इनकी नौ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें ‘अभिव्यक्ति मन की ..’(काव्य- संग्रह) ‘नए सफ़र की ओर’, ‘प्रमिला -भाग 1, ‘प्रमिला – भाग 2’ और ‘चन्द्रमहल’ (उपन्यास) प्रमुख हैं |
‘कोई तो हमें थाम लो’ , ‘अकुलाहट (घुटन मन की)’ और ‘खुरदुरा सच’ इनके कहानी संग्रह और ‘क्षितिज से परे’ विचार संग्रह हैं |
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