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LOKTANTRIK DESH KE ANGREJ / लोकतांत्रिक देश के अंग्रेज

Author Name: ANIKA ARYA | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details
लोकतांत्रिक देश के अंग्रेज उनलोगों के संदर्भ में मैंने कहा है जो कि कहने को तो वे लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए कार्य करते है परंतु ऐसे लोगों के संरक्षण में लगे रहते हैं जो लोकतंत्र को अपने जेब में लेकर घूमते हैं। कुछ हजार रुपये के लिए वो यह भूल जाते हैं कि उनका मूल दायित्व क्या है। रंगदारों,अताताईयों कि सुरक्षा करते हैं। ये लोग इतनी तत्परता किसी गरीब,असहाय कि सहायता के लिए नहीं दिखाते। आपराधिक प्रवृति वाले लोग किसी को भी जान से मारने की धमकी देते हैं। कहीं-कहीं मार भी देते हैं। इसकी वाणी सुनके भी ऐसा प्रतीत होता है कि आज भी स्वतंत्र भारत में अनेकों अंग्रेज हैं। जो कभी भी किसी पर गोलियां बरसा सकते हैं। यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक नहीं है इसमे का संवाद ऐसे हैं जो कहीं-ंंन-कहीं कहे-सुने गए हैं। हां इसको मैंने काल्पनिक तरीके से बुनने का किया है। ऐसे कृत्यों को देखकर,कुछ शब्दों को सुनकर मन बेहद व्यथित होता है। मैंने कहानी के माध्यम से अपनी पीड़ा कम करने का प्रयास किया है।मेरा तो बस इतना मानना है कि हमारे पूर्वजों ने हमारे अधिकारों के लिए,हमारी स्वतंत्रता के लिए अथक प्रयास किये,अपने प्राण न्योछावर किये उन अधिकारों कि रक्षा होनी चाहिए। केवल दस्तावेजों में नहीं वास्तविकता में। राज्य कोई भी हो समस्याएं सभी जगह व्याप्त है। निष्पक्ष भाव से सभी क नीड़ होना चाहिए। इस कहानी का सार यही है।
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अनिका आर्या

अनिका आर्या का जन्म मुंगेर जिले के दलहट्टा नामक स्थान पर 29 अगस्त 1984 में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा मध्य विद्यालय लड़ुई मे हुआ जो कि इनके गाँव से 1 किलोमीटर कि दूरी पर स्थित है। एक मध्ययमवर्गीय परिवार में जन्म लेने के कारण ये उन सभी घटनाओं से भली-भांति परिचित है जो कि समाज मे व्याप्त हैं।समाजिक मुद्दों पे खुलकर बात करना इनकी खासियत है। देश में हो रहे सामाजिक,आर्थिक एवं राजनीतिक घटनाचक्रों पर इनकी पैनी नजर रहती है जो कि इनके लेखों में भी देखने को मिलती है। 'लोकतांत्रिक देश के अंग्रेज' इनकी प्रथम कृति है। जिसमें कि इन्होंने समाज में व्याप्त बुराइयों को अपने शब्दों के द्वारा लोगों के सामने लाने का प्रयास किया है।
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