Share this book with your friends

"Maa" Tu Bahut Yaad Aati Hai... / माँ" तू बहुत याद आती है... काव्य संग्रह/A Collection of Poems

Author Name: Akshay Agrawal | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

"माँ तू बहुत याद आती है...“, एक माँ का बच्चों से सदैव अटूट बंधन होता है, वस्तुत नारी प्रत्येक रूप में पूज्यनीय  होती है चाहे वह माँ हो,बहन हो,बेटी हो,या पत्नी हो| वर्तमान परिस्थितियों में कवि भारत माँ के लिए लिखता है,.. “हाल क्या बेहाल था, रक्तरंजीत भाल था, चीर फटे हाल था ,पर नूर बेमिसाल था” भारत माँ की व्यथा को स्पष्ट कर देता है| इसी प्रकार.. “हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई रक्त कहाँ होता है, जो बहता है धरती पर वो रक्त,रक्त होता है,” ये पंक्तियाँ प्रेरणा देती हैं की जात-पाँत, ऊँच-नीच का भेदभाव मिटाकर समग्ररूप से प्रयत्नशील बने देश व समाज की उन्नति के लिए | मनुष्य में मानवता का होना आवश्यक है मानव कहलवाने के लिए, अन्यथा उसका जीवन व्यर्थ है, कितना स्पष्ट संदेश है इन पंक्तियों में.. हे मानवता, मानव को मानव तू बना दे | 

Read More...
Paperback
Paperback 205

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

अक्षय अग्रवाल

प्रस्तुत काव्य संग्रह “माँ तू बहुत याद आती है “ के रचयिता अक्षय अग्रवाल का जन्म उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर में हुआ था |किशोरावस्था मे ही पिता की मृत्यु हो जाने के बाद ये आगरा आ गए | यहीं पर इन्होंने लेखन आरंभ  किया एवं वकालत की डिग्री प्राप्त की | तत्पश्चात इन्होंने मुंबई को अपनी कार्यस्थली बनाया | मुंबई में ये लेखन व अभिनय से जुड़े रहे और कुछ फिल्में एवं धारावाहिक लिखे | वर्तमान मे ये फिल्म निर्माण से भी जुड़े हुए हैं |इन्होंने इस  काव्य संग्रह की रचना विविध विषयों को उजागर करते हुए जनमानस मे नवचेतना, नवउर्जा संचरण के उद्देश्य से की है |   

Read More...

Achievements