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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमनस्मिता, जिसका अर्थ है मन ही मन मुस्कुराते रहने वाली। भाग्य उस पर मुस्कुराता रहा और वो अपने भाग्य पर। पर मनस्मिता जैसी धैर्यवान स्त्रियों के दम पर ही प्यार टिका है जिन्हें समाज की मर्यादाओं में अपने प्यार और अपनी भावनाओं को कुचल कर जीना पड़ता है। वैसे तो स्त्रियाँ प्यार संबंधी निर्णय में बेहद जिद्दी होतीं हैं पर जब वे समझौते कर लेती हैं तो फिर निभाती भी हैं। मनस्मिता, जिसका जीवन एक दीपक था जिसके उजाले में पहले तो एक नौजवान का बुझा हुआ दिल आलोकित रहा, और उसके बाद पति का दम्भ सिर पटकता रहा। वह उन दो ही पुरुषों को जानती थी- एक उसका प्यार रहा, एक उसका पति-परमेश्वर। उसने दोनों को अपने जीवन का अमृत बाँटा और दोनों के जीवन का विष पीती चली गई। वह किसी की होकर जीना चाहती थी और इस अरमान को उसने पूरा कर दिखाया। नारी की वेबसी, त्याग, और प्रणय से परिपूर्ण मार्मिक कथानक।
आकाश शुक्ला
आकाश शुक्ला, एक युवा कथाकार, हिंदी गजलकार, कवि और चित्रकार हैं। मूलतः उत्तराखंड निवासी आकाश शुक्ला के जीवन के 20वें वर्ष में बहुत बड़ा बदलाव आया जब प्रथम वर्ष की स्नातक की पढाई करने के दौरान जून 2013 में आई एक भयानक प्राकृतिक त्रासदी में उनके परिवार के 38 लोग एक साथ काल के गाल में समा गये। दुर्भाग्यपूर्ण विपरीत परिस्थितियो में 2015 में चिकित्सक की सलाह पर अकेलेपन और मानसिक अवसाद के ईलाज के तौर पर रचनात्मक लेखन को शुरू किया था परंतु अब लेखन उनका शौक है। आकाश शुक्ला वर्तमान में मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में निवासरत हैं। और लेखन के क्षेत्र में नित नये प्रयोग करते रहते हैं। उनके दो कथा संग्रह एक उपन्यास और एक गजल संग्रह पूर्व में प्रकाशित हो चुके हैं। यह उनका दूसरा उपन्यास है। आशा है इस रचना को आपका प्यार अवश्य प्राप्त होगा।
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