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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal"मंजिल - एक अधूरा सफर" तीस लेखकों के लेखन का संकलन है और "श्री शान रायचंद" द्वारा संकलित है।
वर्तमान संकलन हम सभी के वर्तमान जीवन की एक घटना है। कहने को तो हर किसी का जीवन में एक लक्ष्य होता है, लेकिन क्या हमें कभी इस लक्ष्य से एक ब्रेक भी मिलता है। हम सब एक ऐसी मंजिल की तलाश में हैं जिसका कोई वास्तविक रूप न हो, जिसका कोई अंत न हो। हर जीव अपने जीवन की एक अधूरी, कभी न खत्म होने वाली यात्रा की यात्रा कर रहा है।
कोई अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है तो वहीं जिसने जीवन में सफलता प्राप्त कर ली है उसकी इच्छाएं और भी बढ़ रही हैं। कोई अपने प्यार की मंजिल ढूंढ रहा है तो कोई अपना प्यार पाकर भी संतुष्ट नहीं है। जब हकीकत यह है कि हमें पता ही नहीं है कि आखिर हमारी मंजिल क्या है?
हम अपनी परिस्थितियों से लड़ते हैं और आगे बढ़ते हैं, अपने जीवन के हर पड़ाव से गुजरते हैं और अपने जीवन के अंत में भी, हम इस गंतव्य की वास्तविकता से अनजान अपने प्रियजनों को अपनी अधूरी इच्छाएं व्यक्त करते हैं।
हम कभी भी यह स्वीकार नहीं कर सकते कि हम कितनी भी कोशिश कर लें, हम कभी भी वास्तविक मंजिल तक नहीं पहुंच सकते, हम अपना पूरा जीवन अपनी मंजिल की तलाश में एक अधूरी यात्रा में बिता देते हैं। आप और मैंने जैसे कुछ लोगों ने इस संकलन के माध्यम से हमारे जीवन की इस अधूरी यात्रा की कहानी के कुछ अंश अपने शब्दों के माध्यम से आप तक पहुंचाने की कोशिश की है। हम और हमारे सभी लेखक आशा करते हैं कि इस संकलन के माध्यम से हमसे जुड़ सकें और आप हमारी इस अधूरी यात्रा में हमारे भागीदार बनें।
शान रायचंद
मैं शान, प्रस्तुत संकलन 'मंजिल एक अधुरा सफर' का संकलनकर्ता, आप सभी को नमस्कार करता हूँ। मैं फैशन डिजाईनींग का एक छात्र हुँ, तथा एक पेशेवर ग्राफीक डिजाइनर भी हुँ। मुझे पिछले दो सालों से लेखनकला में अत्याधिक रूची है। मैंने हाल ही में हुए अपने जीवन की घटना से प्रेरित होकर इस संकलन को संकलीत करने का विचार किया। मैं कोई पेशेवर लेखक तो नहीं परन्तु जो भी लिखता हूँ हृदय से भावपूर्ण होकर लिखता हूँ। इस संकलन में मेरी रचना अंतिम रचना है, आशा करता हूँ आपको यह संकलन और मेरी रचना दोनों ही पसंद आएँगी।
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