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Mati ka Abhinandan / माटी का अभिनंदन kavya yatra

Author Name: Pradeep Panth | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

चूंकि भूतकाल से वर्तमान और वर्तमान से भविष्य काल की बुनियाद पड़ती है इसलिए  अपने इतिहास को विस्मृत कर बेहतर भविष्य की कल्पना नहीं की जा सकती है। 'माटी का अभिनंदन' काव्यांजलि उन लोगों को भारतभूमि के गौरवशाली इतिहास से रूबरू कराने का एक प्रयास है जो अपनी संस्कृति, सभ्यता और परंपराओं को भूल बैठे हैं। प्रदीप पांथ द्वारा कृत यह काव्यांजलि निश्चय ही पाठकों में अपनी माटी के गौरव को जानने और समझने की जिज्ञासा उत्पन्न करेगी।

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प्रदीप पांथ

'माटी का अभिनंदन' काव्यांजलि के रचनाकार प्रदीप पांथ मूलतः उत्तर प्रदेश प्रान्त के अमेठी जनपद के मुसाफिरखाना विकासखण्ड से तालुक्क रखते हैं। इनके अब तक तीन काव्य संग्रह 'आईना', 'दास्तान-ए-ज़िंदगी', 'चलते रहना' और एक साझा काव्‍य संग्रह 'उम्मीद का दिया' प्रकाशित हो चुका है। 'प्रकृति और प्रेम', 'आवर स्ट्रगल्स', 'द राइज आफ लास्ट वन्स', 'द लिटरेरी ब्रिज' सहित अन्य काव्य संग्रह में प्रदीप पांथ की रचनाएं शामिल की गई हैं। 'माटी का अभिनंदन' इनकी पहली लंबी कविता है। यह काव्यांजलि पांचवीं पुस्तक के रूप में पाठकों के बीच पहुंची है। 'प्रदीप पांथ की कहानियां' नाम से एक कहानी संग्रह के प्रकाशन पर भी प्रदीप पांथ कार्य कर रहे हैं। प्रदीप पांथ वर्ष २०२१ में जगदीश पियूष स्मृति अमेठी रत्न सम्मान से भी सम्मानित हो चुके हैं।

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