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MAUN ASTITVA / मौन अस्तित्व

Author Name: ARPIT MAURYA 'ADVAIT' | Format: Paperback | Genre : Young Adult Fiction | Other Details

जैसे-जैसे मयूर उसकी आँखों को पोंछता, वैसे-वैसे वो और भी रोती। मयूर उसे लगातार चुप होने को कहता पर आपदाओं से ग्रसित धाराएं कभी रुकी भी हैं भला, जो आज रुकतीं।

याददाश्त भी कितनी अद्भुत होती है न? कमजोर हो तो समस्या, तेज हो तो और भी समस्या। जाहिर है, हर स्मृति सुखद हो ऐसा आवश्यक नहीं। कमजोर याददाश्त शायद भूल जाए वाकये को पर तेज याददाश्त चलाती रहती है उस दुखद स्मृति को मस्तिष्क के परदे पर जैसे कोई फिल्म चल रही हो। हर दृश्य के साथ दिल बैठता जाता है, मन अंशाति की ओर अग्रसर हो जाता है, पनपता रहता है पछतावे का एक बीज, रक्त का हर कतरा सींचता है उसे। तेज याददाश्त भूलने कहाँ देती है कुछ। भूल जाना भी वरदान है बस फरक इतना है कि उसकी अहमियत से याद रखने वाला ही वाकिफ है। जो बरसों बाद भी बरसों पहले जी रहा है और फँस चुका है उस तिरोहित जाल में वो जानता है भूलना कितना महत्वपूर्ण है। 

दिशाहीन सा वो बस दौड़ रहा है। उसकी आँखों से अश्रु फूट पड़े हैं, और पश्चाताप का विशालकाय शिखर उसे सर्वत्र दिखाई पड़ता है। कोई स्पष्ट ख्याल नहीं है उसके मस्तिष्क में। बस बीच-बीच में उसे मंजरी की छवि नजर आती है। वो प्यारा चेहरा जो उस दिन भीगा हुआ था आँसुओं से। कैसे लगी थी वो अचानक से मयूर के अंग। फिर अगले दृश्य में मृदुला तैरती। चलते-चलते वो जाने कहाँ आ चुका था, इसका उसे स्वयं भी भान नहीं था। संकरी गलियों के बीच चलते हुए उसे कई बार लगा कि वो गोल-गोल घूम रहा है। हालाँकि, इस बात से उसे चिंता नहीं हुई, शायद वो खो ही देना चाहता था स्वयं को। 

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अर्पित मौर्य 'अद्वैत'

जौनपुर जिले के एक गाँव, अर्गूपुर कला में जन्मे अद्वैत की यात्रा एक लेखक के रूप में बेहद दिलचस्प रही है। गाँव के सरल माहौल में पले-बढ़े अद्वैत ने अपनी प्राथमिक शिक्षा भी यहीं ग्रहण की। बाद में, उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए दिल्ली का रुख किया और वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातक कर रहे हैं। ग्रामीण पृष्ठभूमि से होने के कारण, अद्वैत की रचनाओं में गाँव का जीवन अक्सर जीवंत हो उठता है।

मानवीय भावनाएँ, मन के अंदर चल रहे संघर्ष, अन्तर्दर्शन, और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहरा चिंतन अद्वैत के लेखन का प्रमुख विषय रहा है। इस उपन्यास को भी उन्होंने उसी विचार से लिखा है, और समझने का प्रयास किया है मनुष्य की जटिल भावनाओं को। 

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