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Meet Ke Moti / मीत के मोती

Author Name: Meeta Luniwal | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

पथ प्रेम समर्पण का प्रियतम
संग संग हमको चलना होगा 
मैं सीता सी बन जाऊँ अगर
क्या रघुवर तुम बन पाओगे ?
क्या राम की तरह जी पाओगे ?
कहो क्या एक पत्नी व्रत निभाओगे
नही कर सकते ऐसा तुम प्रियतम,
सीता तो मिल जाती है कई
पर राम बनना आसान नही
मर्यादा क्या तुम कोई निभा पाओगे ?
क्या राम तुम बन पाओगे ?

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मीता लुनिवाल

मीता लुनिवाल
जयपुर, राजस्थान
एम ए समाजशास्त्र
समाज सेविका
लेखिका और कवयित्री है।
सभी विधाओं में लिखती है।
कहानी, लघुकथा, कविता, गजल, गीत, मुक्तक, आलेख और
शेरो शायरी सभी विषय पर लिखती है।
हर माह कई मासिक पत्रिकाओ और कई समाचार पत्रों में भी
रचनाए प्रकाशित होती रहती है।
अभुद्धय, काव्य प्रहर, प्रतिलेख, स्वर्णिम दर्पण, तेजस्वी, तरंग
जैसी कई पत्रिकाओं में रचानाए प्रकाशित होती रहती है,
2000 से ज्यादा 4 से 6 लाइन के कोट्स,मुक्तक लिख चुकी है।
2000 के करीब रचानाए लिख चुकी है।
450 से ज्यादा साझा संकलन में रचानाए प्रकाशित हो
चुकी है,
1600 से ज्यादा सम्मान पत्र मिल चुके है कई ट्रॉफी और
मैडल मिल चुके है,
अलग - अलग पटलो पर रचनाओं को सम्मान मिलते रहते है,
विभिन्न माध्यमों से ऑनलाइन कवि सम्मेलन और काव्य पाठ
में प्रतिभागिता करती रहती है।
आपके नाम से भी एक संस्था (राब्ता) ने सम्मान देना चालू
किया है “मीत” नाम से।
“राब्ता के रत्न” से भी नवाजा जा चुका है।
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन में आपकी रचनाए साझा हो
चुकी है और सर्टिफिकेट मिल चुका है।
गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज है।
विभिन्न अंतरराष्ट्रीय काव्य सँगठनो द्वारा अनेक बार
सम्मानित किया गया है।

दो बार

अंतर्राष्ट्रीय काव्य कवि सम्मेलन बादल बाजपुरी जज़्बात-ए-कलम
द्वारा आयोजित बुलंदी वर्चुअल में एक बार 2021 मे 207 घण्टे
और 2022 में 330 घंटे का निरंतर काव्य पाठ में सक्रिय प्रतिभागी
बने जो की *इंडिया विश्व रिकॉर्ड* में दर्ज़ हुआ।
हर महा कई मासिक पत्रिकाओ और कई समाचार पत्रों में भी
रचनाए प्रकाशित होती रहती है।
अभुद्धय, काव्य प्रहर, प्रतिलेख, स्वर्णिम दर्पण, तेजस्वी, तरंग
जैसी कई पत्रिकाओं में रचानाए प्रकाशित होती रहती है,
आप ऑनलाइन काव्य गोष्ठि और कवि सम्मेलनो में भाग लेती रहती है।
अंतरराष्ट्रीय रंग बिना रंगोली में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
हिन्द देश परिवार की जम्मूकश्मीर इकाई में सचिव रह चुकी है और भी
कुछ सँगठनो में अलग - अलग पदों पर रह चुकी है। 

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