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mere hisse ki koshish / मेरे हिस्से की कोशिश

Author Name: Yusra Fatma (Rushi) | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details
आज संपूर्ण विश्व सांप्रदायिक झगड़ों,आपसी वैमनस्य, धोखा, फरेब एवं मां-बाप के प्रति अपने कर्तव्यों को भूलता जा रहा है। आज भी समाज में बेटा और बेटी के नाम पर भेदभाव हो रहा है,आज भी ससुराल में बहुओं को दहेज के लिए जला दिया जा रहा है। इन सारी बातों  के ख़िलाफ़ मेरी एक छोटी सी आवाज आप सब के समक्ष इस पुस्तिका के रूप में प्रस्तुत है। इस पुस्तिका में जीवन के उन पलों को छूने का प्रयास किया गया है जो जीवन को झकझोर देते हैं, इस कविता के माध्यम से मैं आपके अंतर्मन के साथ जुड़ने का प्रयास की हूँ साथ ही आकांक्षी हूँ आपके स्नेह एवं प्यार कि मुझे विश्वास है इस लघु काव्य पुस्तिका को पढ़ने के बाद आप अपने स्नेह की छाया से मुझे वंचित नहीं करेंगे। 
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युसरा फ़ातमा (रूशी)

युसरा फातमा बिहार राज्य के सिवान जिले के बड़हरिया प्रखंड के एक गांव तेतहली से हैं। इनके परिवार में इनके पिता शकील अहमद, माँ अर्शिया फ़ातमा एवं बहन सुमैया फ़ातमा हैं। ये केवल दो बहनें ही हैं जिसमे ये छोटी हैं। ये बिहार राज्य के गोपालगंज ज़िले के बिशंभरापुर में स्थित आर. एम पब्लिक स्कूल के कक्षा 9 की छात्रा हैं। युसरा को बचपन ही से कविताएँ एवं कलाकृतियों का शौक रहा है, युसरा का एक साधारण लड़की से कवयित्री बनने के सपने का सफ़र मात्र 6 साल की उम्र में ही शुरू हो गया था, इन्होंने अपनी पहली कविता अपने विद्यालय में परीक्षा के समय बनाई है। इन्हे बचपन से ही अपनी माँ से अत्यधिक लगाव है और इनकी पहली कविता भी माँ पर ही है। इनके हर काम और निर्णय में इनके परिवार का पूरा साथ मिला है इनके परिवार ने इन्हे हमेशा सराहा है, खासतौर से उनकी माँ उन्होंने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और अपने मंजिल को पाने के लिए हिम्मत दी। उनके पुरे परिवार नें हर कठिन परिस्थितियों में उनका साथ निभाया है। परिवार का प्यार ,स्नेह और उनका साथ उन्हें कठिनाइयों से निकलने का रास्ता दिखाता आया है।
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