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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal"मेरी कलमसे" यह काव्यसंग्रह कुछ भावनात्मक और कल्पनात्मक कवितावो का संगम है| काव्य ,कविता यह साहित्य क्षेत्र की ऐसी विधा है जिसमें हम आपनी कल्पना और मन के भाव को शब्द से जोडकर अपने कलमसे कागद पर लिखकर प्रस्तुत करते है| जैसे हम अलंकार ओढकर शृंगार करते है वैसेही शब्दरूपी अलंकार से हम आपनी कल्पना और भावनरुपी शब्दो को पिरोकर काव्य का निर्माण करते है| लेखक ने यही सारी बाते ध्यान में रखकर अपनी कलमसे अपने भाव और कल्पनारुपी विचारो को इस काव्यसंग्रह में प्रस्तुत किया है| एक मनुष्य के जीवन के वो सारे भाव जैसे प्रेम,सुख और दुःख, करुणा, ममता,स्नेह,क्रोध,मोह,राष्ट्र भक्ती,द्वेष इन सारी भावनावो का अदभूत तरिकेसे अपने लेखन से इन काव्य की निर्मती की गयी है|
लेखन हि एकमात्र ऐसा तरिका है जीससे हम अपने विचारो को कल्पना में परिवर्तित करके एक अनोखे दुनिया का निर्माण कर सकते है| अपने विचार को आकार और संस्करण देकर काव्य का निर्माण कर सकते है| ऐसाही कुछ प्रयास लेखक ने "मेरी कलम से" इस पुस्तक से किया है| आशा है की आप सबको यह प्रयास अच्छा लगेगा|
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गणेश पाटील
गणेश पाटील जो औषधनिर्माणशास्त्र के पदवीधर है। इन्हें लेखन और कविता में बेहद रुची है जिससे वह अपने विचारो को शब्दो में परिवर्तित करते है। अपने लेखन को विशिष्ट पद्धती से लिखने की उनकी आदत है जो उन्हें एक लेखक के रूप में दर्शाती है।इन्हे सामाजिक और प्रेम के विषयो में लिखान करने की बोहोत रुची है |
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