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Mrityu se Mukti Tak / मृत्यु से मुक्ति तक Shrimadbhagavat saraltam tatva-vivechan / श्रीमद्भागवत सरलतम तत्व-विवेचन

Author Name: Dr. Ramesh Singh Pal | Format: Hardcover | Genre : Religion & Spirituality | Other Details

श्रीमद्भागवतम् महापुराण, हिंदू सनातन धर्म का एक विशेष पौराणिक ग्रंथ है। इस पुराण में भगवान कृष्ण तथा उनके भक्तो की कथाओ के माध्यम से मनुष्य जीवन के परम् लक्ष्य को बताने तथा उसकी प्राप्ति के मार्ग को प्रसस्त किया गया है। प्रायः, हम लोग पुराणों में आयी कहानियो, कथाओ को पढ तो लेते है या किसी से सुन भी लेते है, परन्तु ये कथाये हमें क्या कहना चाहती है?, हमें क्या सीखना चाहती है?, इनका गुढ़ आध्यात्मिक रहस्य क्या है? ये हम नहीं जान पाते और ये कथाये हमारे लिए सिर्फ धार्मिक मनोरंजन बन कर रह जाती है। पुस्तक “मृत्यु से मुक्ति तक”शुरू तो होती है, राजा परीक्षित के मृत्यु के भय के साथ लेकिन खत्म होती है राजा परीक्षित की मुक्ति के साथ। यह पुस्तक एक प्रयास है, इस तथ्य को दर्शाने के लिए कि मुक्ति, मोक्ष, सुःख-दुःख से छुटकारा या परमानन्द कोई कोरी कल्पना नही है, ये पारमार्थिक सत्यता है। यह पुस्तक अवश्य ही एक पथ-प्रदर्शक साबित हो सकती है, उन सभी जिज्ञासुओ के लिए जो समझते है कि मनुष्य जीवन का प्रथम और अंतिम लक्ष्य, जीवन में कृत-कृत्यता, आत्म-ज्ञान और आंनद प्राप्ति है।

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डॉ. रमेश सिंह पाल

डॉ. रमेश सिंह पाल पेशे से वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक हैं। उन्होंने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में 50 से अधिक शोध लेख प्रकाशित किए हैं और दर्जनों से अधिक, उच्च उपज एवं गुणवत्ता वाली फसल किस्मों के विकासकर्ता के रूप में योगदान दिया है। डॉ. पाल जुनून से एक आध्यात्मिक लेखक और विचारक भी हैं। वे एक दशक से, हिंदू धर्मग्रंथों का अध्ययन करने के साथ-साथ विभिन्न दिव्य आत्माओं की शिक्षाओ को भी ग्रहण कर रहे है। वह अपनी सीधी बातचीत और व्याख्यानों के माध्यम से एक आध्यात्मिक कार्यकर्ता के रूप में युवाओं और समाज से जुड़े हुए हैं। साथ ही साथ, डॉ. पाल यूनेस्को समावेशी नीति प्रयोगशाला के लिए भारत से एक विशेषज्ञ भी हैं। अपनी आध्यात्मिक यात्रा से प्राप्त ज्ञान के सार को उन्होंने वर्ष 2018 में, पहली हिंदी पुस्तक "अपना स्वरूप" के रूप में प्रकाशित किया। इस पुस्तक को पाठकों ने खूब सराहा। KuKu FM पर इस किताब को 5 लाख से ज्यादा बार सुना जा चुका है। उनकी दूसरी पुस्तक "स्पिरिचुअल विजडम" वर्ष 2020 में तथा तीसरी पुस्तक "रूपांतरण के सूत्र" वर्ष 2023 में प्रकाशित हुई, जिन्हें पाठको का भरपूर प्रेम मिला। डॉ पाल की तीनो पुस्तकों को देश की संसद पुस्तकालय के साथ-साथ, अन्य केंद्रीय एवं राज्य के प्रतिष्ठित संस्थानों में सम्मलित किया गया है। 

संपर्क सूत्र (ई मेल) – ramesh.pal@icar.gov.in 

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