Share this book with your friends

Munis ul Arwah / मुनिस उल अरवाह

Author Name: Princess Jahanara Begum | Format: Paperback | Genre : History & Politics | Other Details

भारत के मुग़ल बादशाह शाहजहाँ की पुत्री शहज़ादी जहाँआरा बेगम की फ़ारसी ज़बान में लिखित क़लमी (हस्तलिखित) किताब (रिसालाह) “मुनिस उल अरवाह” दिनांक 27 रमज़ान 1049 हिजरी / 21 जनवरी 1640 ईस्वी को पूर्ण हुई थी ( जो कि ब्रिटिश पुस्तकालय लंदन, इंग्लैंड में संरक्षित रखी है ) उपरोक्त किताब का उर्दू अनुवाद फ़रवरी 1891 ईस्वी में मौलवी मोहम्मद अब्दुस्समद साहब कलीम क़ादरी अवैसी निवासी अलीगढ़ द्वारा किया गया जो मतबआ रज़वी देहलवी में सैयद मीर हसन के प्रबन्ध में छपा और टोरंटो विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में संरक्षित है, उक्त उर्दू एडिशन का हिन्दी अनुवाद इस किताब के माध्यम से प्रस्तुत है ।

 हिन्दी अनुवाद : मुनिस उल अरवाह

अनुवादक : पीरज़ादा सैयद फ़िरोज़ुल हसन चिश्ती

Read More...
Paperback
Paperback 199

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

शहज़ादी जहाँआरा बेगम

पीरज़ादा सैयद फ़िरोज़ुल हसन चिश्ती (अनुवादक) के दादा मरहूम जनाब शैख़ उल मशायख़ दीवान सैयद इल्मुद्दीन साहब द्वितीय हज़रत ख़्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह अजमेर के वंशज एवं सज्जादानशीन थे। आपका जन्म दिनांक 03-11-1988 को अजमेर राजस्थान में हुआ, आपने बी.ए. ऑनर्स इतिहास में स्नातक की उपाधि हासिल की, तत्पश्चात आपने एल.एल.बी करके राजस्थान उच्च न्यायलय में वकालत का पेशा अपनाया, आपने आगे शिक्षा जारी रखते हुए एल.एल.एम. की उपाधि हासिल करी, साथ ही आपको कम्पुटर व इन्टरनेट के क्षेत्र में अच्छी जानकारी है, आपको शायरी और लेखन का शौक़ रहा है, आप हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज़ी, व अरबी भाषाओं के जानकार हैं, आप विश्व विख्यात सूफ़ी संत हज़रत ख़्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह के वंशज हैं, आपको ऐतिहासिक पुस्तकों, ऐतिहासिक दस्तावेज़ों, बादशाहों के फ़रामीन आदि का अवलोकन करने व उनके आधार पर वास्तविकता व सत्यता को उजागर करने की रुचि है। आपकी रचना “अजमेर का अनकहा इतिहास” वर्ष 2021 में प्रकाशित होकर मंज़र ए आम पर आ चुकी है जो on www.amazon.co.in & www.flipkart.com. पर उपलब्ध है । अब वह अपने द्वारा हिन्दी में अनुवादित पुस्तक “मुनिस उल अरवाह” जो की शहज़ादी जहाँआरा बेगम द्वारा फ़ारसी ज़बान में सन 1640 ईस्वी में लिखी गई थी को प्रस्तुत कर रहे हैं।

Read More...

Achievements

+2 more
View All