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NAI SHAKH SE / नई शाख से KAVYA APRAJITA

Author Name: Vinod Dhingara | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

बदलते समय के साथ साथ मानव ने अनेक दिशाओं में कामयाबी हासिल कर ली है और पूर्णता की ओर अग्रसर है,परंतु व्यवहारिक दृष्टि से अगर देखा जाए तो इस कामयाबी के नीचे दबी हुई मिलेगी नैतिकता जो मनुष्य को दूसरे अन्य जीव से बेहद अलग और परिपूर्ण बनाती है। कवि श्री विनोद ढींगरा जी का यह काव्य संग्रह ‘नई शाख से’ आज की हमारी जीवन शैली पर एक व्यंग्य है कि किस प्रकार हम अपने जीवन में प्रेम संवाद को कम करते जा रहे हैं और आधुनिक जगत की रोशनी में मस्त होकर एक ढोंगी जीवन जी रहे हैं,जहाँ प्रेम स्वार्थ में बदल गया है। रिश्तों की जिम्मेदारियाँ बस नाम पाने के लिए निभाई जा रही हैं।कवि श्री विनोद ढींगरा जी ने इस बदलाव का अनुभव कर अपनी रचनाओं में बेहद खूबसूरती से व्यक्त किया है। प्रयागराज के साहित्यिक मंच काव्य अपराजिता द्वारा इस काव्य संग्रह का सम्पादन किया गया है। निश्चय ही यह काव्य संग्रह पढ़े जाने योग्य है।

-शैलेंद्र प्रताप वर्मा (सह संपादक काव्य अपराजिता )

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विनोद ढींगरा

श्री विनोद ढींगरा अच्छे लेखक कवि व उपन्यासकार हैं। श्री विनोद ढींगरा द्वारा रचित उपन्यास दोस्ती, टूटा सहारा, रुम पार्टनर एवं धारावाहिक कहानी “मेरी कहानी” प्रकाशित हो चुके हैं। सिरायकी कहाणी, ‘‘धींया‘‘, ‘‘वंती बूआ‘‘ व ‘‘विछोड़ा” लेखक की प्रमुख सिरायकी कृतियों में से हैं जिनमें ‘‘धींया‘‘ कहानी को ‘‘सिफ्त पत्र” से नवाजा गया है। श्री विनोद ढींगरा ग्रीन लिटरेचर साहित्यिक संस्था से जुड़े हैं और हिन्दी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘‘न्यूज लिंक‘‘ का सम्पादन कर रहे हैं। कवि लेखक व कहानीकार श्री विनोद ढींगरा की रचनाधर्मिता से प्रभावित होकर तत्कालीन माननीय राष्ट्रपति श्री के०आर०नारायणन ने १४ जुलाई २००१ को बधाई पत्र देकर सम्मानित किया है। 

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