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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकवि की कलम से:
प्रभात की सफलता के बाद यह विचार आया कि एक ऐसे साहित्य की रचना की जाये जिसमें गुंफित हर कविता एक मोती हो, जिसका स्वतंत्र अस्तित्व भी हो, और सारी कवितायें एक शृंखला में गुंफित होने पर एक साधक की आत्म-कथा बन उठे। वही प्रयास यहाँ पुस्तक के माध्यम से प्रस्तुत करने का रहा है। नव आलोक की प्रासंगिकता इस बात से भी है कि यह पुस्तक एक नयी पहल करती हुई दिखती है। मेरे वैयक्तिक जीवन में प्रभात जहाँ सारी कविताओं का संकलन होने से काव्य जीवन के प्रभात के रूप में देखा जा सकता है, नव आलोक काव्य जीवन में एक नई उषा की किरण, एक नया प्रकाश है, एक नई दिशा जिससे नव दशा का निर्माण होगा।
मयूर पाण्डेय
कवि परिचयः
नामः मयूर पाण्डेय
Email Id: mayurpandey8507.r@gmail.com
मयूर पाण्डेय काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के छात्र हैं। हिन्दी भाषा में नव आलोक इनका पहला प्रयोग नहीं है। इससे पूर्व भी इन्होंने प्रभात नाम से काव्य-संग्रह प्रकाशित किया है। धर्म, आध्यात्म और राष्ट्र पर विचार प्रकट करना इनका विषय रहा है। प्रकृति से इन्हें विशेष प्रेरणा मिलती रही है, इसीलिए इनकी कविताओं में प्रकृति भी अपने वैभव के साथ ही प्राय: प्रकट होती है।
भविष्यवृत्ति से विराग, भाव-निर्झर, आदि काव्यों, तथा चाणक्य जैसे खंड-काव्यों पर भी सृजन कार्य भी चल ही रहा है।
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