You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजिंदगी है तो मुश्किलें हैं , मुश्किलें हैं तो रास्ते हैं | जिंदगी में वक्त कभी एक जैसा नहीं रहता | हर मोड़ पर जिंदगी चौंकाती है , हर मोड़ के बाद एक नया रास्ता ,एक नयी मंजिल मिल ही जाती है...
कभी हमारी चाहत तो कभी किस्मत हमें वो रास्ते दिखाती है और जिन्दगी हमें चलना सिखाती है |
दूर – दूर तक जिसकी कल्पना भी मन ने नहीं की होती है वो सब ऐसे हो जाता है जैसे सब पहले से निर्धारित हो रखा हो | रास्ते में आ रही कठिनाइयों से पार पा , बिना डगमगाए जिंदगी का सफ़र पूरा करना , हर दिन किसी नयी चुनौती का सामना , नए तजुर्बे , नयी विचारधारा ,नया जोश ........ जीना इसी का तो नाम है |
इस उपन्यास की कहानी जीवन के इसी सत्य से हमें रूबरू करवाती है | जब ऊंची डिग्रियां लेकर भारतीय युवक अपनी धरती पर अपने सपने तलाशने की जगह विदेश में अपना सपना तलाशना पसंद करते हैं तो अनेक कड़वी सच्चाइयों का सामना करना पड़ता है | ऐसे में जो इनसे घबराए बिना चुनौतियों का सामना कर अपने सपने को साकार कर लेते हैं वही जीवन के योद्धा कहलाते हैं|
हमारे समाज में ऐसे अनेक लोग मिल जाएंगे जिन्हें इन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा है | इन्होने कभी हार नहीं मानी | इनके जीवट जुझारूपन ने मुझे यह कहानी लिखने के लिए प्रेरित किया|
कहानी का नायक अमित भी उन में से एक है | जिंदगी उसे हर मोड़ पर चौंकाती है ,प्रतिकूल परिस्थितियाँ उत्पन्न करती हैं लेकिन हार न मानते हुए वह नयी सोच और बुलंद हौसले के साथ उनको पीछे छोड़कर आगे बढ़ जाता है | अमित की यह कहानी उन युवाओं के लिए एक पैगाम भी है जो अपने पथ का निर्माण करने निकलते हैं लेकिन पथ के काँटों और कंकड़ों को देखकर पलायन कर जाते हैं और जीवन में कुछ हासिल नहीं कर पाते है |
रेणु प्रसाद
हिन्दी साहित्य जगत में एक उभरता हुआ नाम है रेणु प्रसाद | झारखंड प्रांत के बोकारो स्टील सिटी की निवासी हैं | ये हिंदी साहित्य में एम.ए. हैं और इन्हें पैंतीस साल के शिक्षण कार्य का अनुभव है | साहित्य से इनका नाता नया नहीं है | कविता , नाटक , कहानी और उपन्यास जैसी विधाओं में सृजन इनकी प्राथमिकता है |जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखने वाली रेणु प्रसाद की कहानियां पारिवारिक और सामाजिक परिवेश के आस- पास घूमती हैं | समसामयिक विषयों पर लिखने में भी ये रूचि रखती हैं |इनकी कवितायें ,लेख और कहानियां विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं |एक काव्य- संकलन ‘अभिव्यक्ति मन की ..’ प्रकाशित हो चुका है |
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.