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Nisha ka antim prahar / निशा का अंतिम प्रहर Geet sangrah

Author Name: Pranesh Kumar | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

इस संग्रह के गीत उम्मीदें जगाते हैं- नयी आशा का संचार करते हैं। ये यथार्थपरक हैं। आज के राजनीतिक परिदृश्य को इन गीतों में खूबसूरती से छंदबद्ध किया गया है। विकास के शोर की असलियत और मेहनतकश जनता का जीवन-संघर्ष का वास्तविक चित्रण इन गीतों के माध्यम से किया गया है। सरल शब्दों में सहज ढंग से गंभीर भावों को गीतों में समेटने का सार्थक प्रयास किया गया है। ये गीत अपने समय की आवाज हैंं- जनपक्षीय हैं और श्रम के प्रति प्रतिबद्ध हैं।

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प्राणेश कुमार

इस गीत संग्रह के रचनाकार प्राणेश कुमार का जन्म 11/01/1955 को झारखण्ड प्रांत के रामगढ़ जिला स्थित गोला ग्राम में हुआ। प्रारंभिक काल से ही इनकी रूचि साहित्य सृजन में रही। हिंदी के साथ साथ इन्होंने अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी रचनाएं की हैं। इनकी रचनाओं का अनुवाद कई अन्य भारतीय भाषाओं में भी हुआ है। कई सामाजिक साहित्यिक संगठनों में सक्रिय भूमिका निभाते हुए इन्होंने अनेक पत्र - पत्रिकाओं तथा पुस्तकों का संपादन किया है। ये जनवादी लेखक संघ के संस्थापक सदस्य भी रहें हैं।

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