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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palपलाश आधुनिक युग की प्रयोगवादी धारा की 39 नई कविताओं का संग्रह है। जो जीवन के विभिन्न रंगों को सुंदर भावों में व्यक्त करती हैं। शब्द चयन से लेकर भावों की गहराई तक प्रत्येक रचना सहज और सरल है जो अपनी अभिव्यक्ति को सफल बनाती है।कवयित्री ने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज में चेतना का संचार किया है। संग्रह की कवितायें सोये अन्तर्मन को जगाती हैं और कर्तव्य का बोध कराती हैं,सत्य की राह पर चलने का संदेश देती हैं। प्रेम,प्रेरणा,विरह और भक्ति के भावों से परिपूर्ण कविताओं में कवयित्री की रचनाधर्मिता साकार होती दिखाई पड़ती है। उम्र और लिंग की सीमा से परे प्रत्येक वर्ग के पाठकों के लिए यह काव्य संग्रह पठनीय है।
सुनीता गोंड
पलाश मेरा प्रथम एकल काव्य संग्रह है जिसमें मैने जीवन के अनगिनत रंगों ,स्थितियों,परिस्थितियों,विचारों को समेटकर अपनी लेखनी के माध्यम से आपके समक्ष प्रस्तुत किया है। कविता अभिव्यक्ति का एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा मन की भावनाओं को सुन्दरता से व्यक्त किया जा सकता है। कोई भी रचना सिर्फ एक रचना नही होती बल्कि वह रचनाकार की स्वतंत्र कल्पना होती है जिसे प्रदर्शित करने के लिए वह अपनी लेखनी को माध्यम बनाता है।अंतर्द्वंद्व,विचार और कल्पना को जीवन्त करने का प्रयास करता है।
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