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Parchaiyaan / परछाईयाँ

Author Name: Dr. Subhash Gakhar ' Kanwal ' | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

डॉ. सुभाष गक्खड़ 'कंवल' का नया काव्य-संग्रह "परछाइयां"  साहित्य प्रेमियों के बीच विशेष उत्सुकता का विषय बना हुआ है। यह संग्रह इंसानियत, समाज और जीवन की गहराइयों को छूने वाली कविताओं का संकलन है, जिसमें "परछाइयां," "आखिर तो हम सब मानव हैं," "शराफत," "सब्र," "सत्ता," और "बचपन" जैसी कविताएं शामिल हैं।

"परछाइयां" में डॉ. गक्खड़ ने जीवन के विविध अनुभवों और समाज की जटिलताओं को बेहद संवेदनशीलता और गहराई से प्रस्तुत किया है। उनकी रचनाएं जीवन की सच्चाइयों और मानवीय भावनाओं को सजीव करती हैं, जो पाठकों को आत्मचिंतन के लिए प्रेरित करती हैं। यह संग्रह पाठकों के दिलों को छूने और उन्हें जीवन की असलियत से रूबरू कराने वाला एक अनमोल साहित्यिक योगदान साबित होगा।

इस काव्य-संग्रह के प्रकाशन के साथ ही डॉ. सुभाष गक्खड़ 'कंवल' की लेखनी एक बार फिर से साहित्य जगत में अपनी अमिट छाप छोड़ने के लिए तैयार है।

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डा० सुभाष गक्खड़ ' कँवल '

डॉ. सुभाष गक्खड़ 'कंवल' एक सम्मानित साहित्यकार और अर्थशास्त्र के प्राध्यापक हैं, जिनका जन्म 6 फरवरी, 1943 को हुआ। उन्होंने अर्थशास्त्र में एम.ए. और पीएच.डी. की डिग्री हासिल की, और 1967 से 2003 तक हिन्दू कॉलेज, सोनीपत में एक प्राध्यापक के रूप में अपनी सेवाएं दीं। वे अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए भी साहित्य के प्रति गहरी रुचि रखते थे। उनकी लेखनी ने कविताओं और ग़ज़लों के रूप में साहित्यिक जगत में विशेष पहचान बनाई।

डॉ. गक्खड़ की रचनाएं इंसानियत, समाज और जीवन के विभिन्न पहलुओं को संवेदनशीलता और गहराई के साथ प्रस्तुत करती हैं। उनकी कविताएं और ग़ज़लें विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं और आकाशवाणी रोहतक से भी प्रसारित की गई हैं, जिससे उनका साहित्यिक योगदान व्यापक रूप से पहचाना गया है। उनका काव्य-संग्रह "परछाइयां" पाठकों के बीच विशेष रूप से सराहा गया है। इस संग्रह में शामिल कविताएं जैसे "परछाइयां", "आखिर तो हम सब मानव हैं", "शराफत", "सब्र", "सत्ता", और "बचपन" समाज की गहन वास्तविकताओं और मानवीय संवेदनाओं को उजागर करती हैं।

डॉ. सुभाष गक्खड़ का लेखन न केवल साहित्यिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पाठकों के दिलों को भी छू जाता है। उनकी कविताओं में एक अद्वितीय सहजता और सौम्यता है, जो जीवन के अनुभवों को गहराई से महसूस कराती है। उनकी रचनाएं पाठकों के लिए एक सुखद अनुभूति का स्रोत बनती हैं, और उनके साहित्य में इंसानियत और नैतिकता का संदेश प्रकट होता है।

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