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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palपिता एक घर का असमान होता वह अपने बच्चों के लिए सब कुछ करना चाहता है अपने परिवार को खुश रखने के लिए वह बहुत कुछ करता है वह हमेशा यह चाहता है कि हमारे बच्चे हम से आगे जाएं इस कोशिश में वह सब कुछ कर जाता है। अपने परिवार का बोझ उठाने के लिए वह रात दिन कड़ी धूप में जुटा रहता है मेहनत करता है और खुद से पहले अपने बच्चों की हर इच्छाएं पूरी करता है खुद फटे पुराने कपड़े पहनता है पर बच्चों को हमेशा नए कपड़े लाकर देता है इसी तरह वह खुद से पहले बच्चों का ख्याल रखता।
और धीरे-धीरे जब बच्चे बड़े हो जाते हैं वह जगहों पर रहने लगते हैं अच्छी अच्छी नौकरियां पर जाते हैं वह अपने मां-बाप को बड़े लोगों में लाने में शर्म करने लगते हैं और उन्हें अपने बूढ़े मां बाप बोझ लगने लगते हैं बस इसी के चलते वह अपनी मां बाप से अच्छे से पेश नहीं आते और उन्हें या किसी आश्रम में छोड़ देते या कहीं और लेकिन अपने साथ नहीं रखते।
प्रिया पटेल
मैं प्रिया पटेल लेखन साहित्य में रुचि रखने वाली लड़की मैं उत्तर प्रदेश जिला बाराबंकी से निवास करती हूं जितना मुझे लिखना उतना ही मुझे पढ़ना भी पसंद है। मुझे खेलना बहुत पसंद है मैं एक वालीबॉल प्लेयर हूं और एक एथलीट भी हूं मैं बस कुछ चंद सालों में लिखना शुरू कि हूं मेरी अभी जवाहर नवोदय विद्यालय सोनिकपुर बाराबंकी से पढ़ाई चल रही है मैं कक्षा 12वीं की छात्रा आप सभी के सामने एक उच्च लेखिका बनकर उभरना चाहती हूँ मैं बहुत सी पुस्तकों में सहलेखिका के रूप में अपना लेखन प्रकाशित की हूं । मैं प्रोजेक्ट डायरेक्टर ऑफ लेखन साहित्य से आपके सामने कुछ कविताएं इस बुक में प्रकाशित कर रही हूँ।
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