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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
इस पुस्तक में लेखिका ने अपने विचारों और भावनाओं को शब्दों का रूप दे कर कविता में पिरोया है। इस पुस्तक में प्रकृति पर हो रहे अत्याचार से संबंधित कई कविताएँ सम्मिलित हैं।
यह पुस्तक प्रकृति प्रेम, हास्य कविताओं, स्त्री के अस्तित्व, रिश्तों के महत्व, हमारी मातृभाषा के महत्व, जीवन में पिता के महत्व पर कविताओं का संकलन है।
कुछ हास्य कविताएँ जैसे शादी का लड्डू, दूल्हे का जूता के माध्यम से लेखिका ने पाठकों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने की कोशिश की है।
आज प्रकृति के प्रकोप से अवगत हुए बिना हर मनुष्य किसी ना किसी रूप में प्रकृति पर अत्याचार कर रहा है। लेखिका ने इस पुस्तक में प्रकृति की हृदयस्पर्शी चीत्कार को कविता का रूप दे कर लोगों तक पहुँचाने की कोशिश की है।
आशा है यह पुस्तक पाठकों को निश्चित ही पसंद आएगी।
स्वाति चरण पहाड़ी
अपने हाथों की लकीरों पर
ना छोड़ हर फैसला,
बस अपनी मेहनत से तक़दीर बदलने का
रख तू हौसला।
लेखिका स्वाति चरण पहाड़ी, रायगढ़, छत्तीसगढ़ (जन्मस्थान- गिरिडीह, झारखंड) की रहने वाली हैं। इन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधी ली है। यह लेखिका की दूसरी पुस्तक है।
लेखिका की पहली पुस्तक 'निशब्द' है। इसके अलावे लेखिका ने कई सारे संकलन में सह-लेखक के रूप में कार्य किया है।
कविताएँ लिखने के साथ-साथ लेखिका बहुत अच्छी चित्रकारी भी करती हैं। पुस्तक के कवर पर प्रस्तुत चित्र लेखिका के द्वारा बनाया गया है। इसके अलावे लेखिका का यूट्यूब पर अर्थशास्त्र के छात्रों के लिए 'ECONOMICS MARGDARSHAN' चैनल और कविताएँ और कहानियों के लिए 'Ecstatic Words' चैनल है।
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