You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palप्रस्तुत पुस्तक में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम द्वारा दुर्दांत दैत्य दैत्य रावण पर विजय प्राप्त करने की गाथा का समीक्षात्मक वर्णन दर्शाया गया है हम अन्य सभी भगवान को चाहे वह कृष्ण हों या हों शंकर , उन्हें उनके भगवान जैसे कार्य के कारण भगवान मानते हैं और पूजते हैं लेकिन श्री राम ने मर्यादा पुरुषोत्तम में के रूप में ही वेसारे कार्य किए हैं जो कि देखने में असंभव से लगते हैं। उन्हें श्रीराम ने एक मनुष्य की भांति करके दिखाया है कि यदि मनुष्य चाहे तो बड़े से बड़ा कार्य भी सहजता से कर सकता है इस पुस्तक में आप पाएंगे कि श्री राम ने रावण पर विजय पाने के लिए कैसे योजनाबद्ध तरीके से अभियान चलाकर सारे कार्य किए और सफलता प्राप्त की ।सफलता प्राप्त करने का श्रीराम ने गुरु मंत्र दिया है कि शक्ति और सामर्थ्य के अनुसार लक्ष्य निर्धारित करें, योजना बनाएं, योजना को गुप्त रखें , तथा लक्ष्य प्राप्त हो जाने तक सतत प्रयत्नशील रहें ,सफलता निश्चित मिलेगी।
अरुण कुमार त्रिपाठी
प्रस्तुत पुस्तक रणविजय अभियान के लेखक अरुणकुमार त्रिपाठी उत्तर प्रदेश सरकार में ब्यापार कर विभाग से सेवानिवृत्त होने के पश्चात अपना अपना समय साहित्यिक और सामाजिक गतिविधियों में व्यतीत करते हुए धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन में व्यतीत कर रहे हैं। इससे पूर्व भी नोशन प्रेस से ही इनकी दो पुस्तकें और प्रकाशित हो चुकी यह इनके द्वारा लिखी चौथी पुस्तक है जो आपके हाथों में है। इनकी चारों पुस्तके: पहली हैं रामचरितमानस का क्वचित अन्य, दूसरी है समर्पण, अद्यतन गीता इनकी तीसरी पुस्तक है। और चौथी पुस्तक है रणविजय अभियान। पारिवारिक परिवेश का पर्याप्त प्रभाव इन पर है। जो कि इनकी पुस्तकों से स्पष्ट है| पिता स्वर्गीय श्री राम प्रसाद तिवारी हमीरपुर के स्वतंत्र संग्राम सेनानी रहे हैं| उनका जीवन एक निष्ष्ठ कर्म योगी की भांति सदैव कर्म रत रहा है और माता स्वर्गीय श्रीमती लीलावती तिवारी एक धर्म परायण कुशल ग्रहणी के साथ-साथ सदैव प्रसन्नता बिखेरने वाली रही है| इनके बड़े भाई ब्रह्मलीन करण प्रकाश ब्रह्मचारी कानपुर में गंगा जी के किनारे स्थित ढोढी घाट आश्रम के महंत सर्वराकार कर रहे है| ईइन सब व्यक्तित्वों का इनके मन पर और जीवन पर रहा है। जिसका परिणाम है रणविजय अभियान जो कि आपके सामने है और आप सब की आशीर्वाद और शुभकामनाएं का आकांक्षी है|
श्रीअरुण कुमार त्रिपाठी का जन्म मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की बनवास अवधि का अधिकांश समय साथ देने वाले क्षेत्र बुंदेलखंड क्षेत्र के हमीरपुर जिले मे हुआ है। प्रारंभिक और प्राथमिक शिक्षा हमीरपुर में ही पूरी हुई है उच्च एवं उच्चतर स्नातक शिक्षा कानपुर विश्वविद्यालय के वीएसएसडी महाविद्यालय में हुई, तदुपरांत उत्तर प्रदेश सरकार के वाणिज्य कर विभाग में सेवारत रहे और डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर लखनऊ के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद साहित्यिक धार्मिक पुस्तकों के पठन-पाठन अध्ययन में समय व्यतीत करें रहे हैं|
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.