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Rimajhim Baal Kahaanee Sangrah / रिमझिम बाल कहानी संग्रह

Author Name: Rishipal Singh and Muskan Keshri | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

हिंदी बाल कहानी आधुनिक युग की देन है वह आधुनिक सर्जक के चिंतन की उपज है। बाल कहानी यानी बच्चों के लिए लिखी गई कहानी जिसमें बच्चों की शिक्षा जिज्ञासा संस्कार एवं बाल मनोविज्ञान को ध्यान में रखकर रचना की गई है वह चाहे नानी दादी की कहानियों के रूप में हो या बच्चों के आपस के खेल-खेल में हो, बाल कहानी की रचना बच्चों की मानसिक एवं बौद्धिक क्षमताओं के अनुसार लिखी जानी चाहिए जिससे बच्चों के मानसिक प्रशिक्षण के साथ-साथ उनके ज्ञान में भी निखार आये । बच्चों की दुनिया हमारी दुनिया से सर्वथा भिन्न होती है । उनके देखने समझने पढ़ने का नजरिया हमारी नजरों से भिन्न होता है । इसलिए बच्चों का साहित्य लिखने के लिए बच्चा बनना पड़ता है। ताकि उनके स्तर पर उतरकर उनकी भावना रुचियों और उनके मनोविज्ञान के साथ तारतम्य में बिता सके। एक शिक्षक स्वयं में बाल मनोविज्ञान का कार्य भी करता है तभी तो वह बोल मानस पटल पर उतारकर बच्चों के लिए कविता कहानी और उपन्यास लिख पाता है। बच्चों का मन मक्खन की तरह निर्मल होता है ।कविताओं और कहानियों के माध्यम से शिक्षक उनके मन में वह शक्ति प्रदान कर सकते हैं.

 
 
 
 

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ऋषिपाल सिंह और मुस्कान केशरी

ऋषिपाल सिंह प्रभारी प्रधानाध्यापक कंपोजिट विद्यालय बरनावा विकास क्षेत्र- बिनौली जनपद- (बागपत)

मुस्कान केशरी स्व० मनोज केशरी जी और संध्या देवी जी की सुपुत्री हैं। मुस्कान केशरी जी एम. एस केशरी प्रकाशन की CEO है, साथ ही साथ वो एक लेखिका एवं कवयित्री हैं। मुस्कान एनसीसी कैडेट, ब्यूटीशियन, शिक्षिका भी हैं। मूल रूप से मुस्कान मुजफ्फरपुर, बिहार से ताल्लुक रखती हैं। इन्होने लेखन की शुरुआत की और धीरे - धीरे लेखन में इनकी रूचि बहुत ज्यादा हो गई। ये नये - नये विषयों पे  कविता, कहानी लिखना पसंद करती हैं। ये  200 +काव्य संग्रह और 15 साझा संकलन की संकलनकर्ता रह  चूँकी है।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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