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Saanjh / साँझ "दरमियां तपिश और छाँव के"

Author Name: Sanjana Gupta | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

साँझ "दरमियां तपिश और छाँव के", एक किताब जिसके हर पन्ने पर ख़्वाब, ख़्याल, मलाल, और कुछ सवाल लिखे हैं, तो वहीं कुछ पन्ने जज़्बातों, मुलाकातों और जिंदगी की सौगातों से सजे हैं।

कहते हैं ना बाहर चलने वाले दृश्य तब तक अपना वज़ूद नही रखते जब तक कि वो हमारे अंदर एक हलचल नही पैदा करते। जब बाहर का पूरा परिदृश्य हमारे अंदर एक चलचित्र बनाने लगता है तब कहीं जाकर क़लम पन्नों पर एक पैकर उकेरती है और सृजन होता है एक रचना का। 

साँझ "दरमियां तपिश और छाँव के" कुछ ऐसी ही हलचलों से उपजती हुई अनेक रचनाओं का संगम है। 

यह क़िताब, जिंदगी के इस धूप छाँव के सफ़र में ज़हन में उफ़ान भर रहे मनोभावों और ख्यालातों के समंदर से चुने हुए हर्फ़ों से सृजित रचनाओं के ज़रिए आपको उस अन्तरदृश्य से रूबरू कराने का एक ज़रिया मात्र है।

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संजना गुप्ता "साँझ"

मऊ ( उत्तर प्रदेश ) की रहने वाली संजना गुप्ता "साँझ", जुनून से एक लेखिका और पेशे से एक छात्रा हैं। आप किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ में बैचलर ऑफ ऑप्टोमेट्री के तृतीय वर्ष में अध्ययन कर रही हैं। जिंदगी के इस ताने बाने में उलझे आपके मन ने आपको बहुत कम उम्र में ही शब्दों को बुनने की रुचि को जागृत कर दिया। आपका मानना है समाज को एक सही आकार देने में कला और साहित्य का बहुत बड़ा योगदान है। 
इसके पूर्व बहुत सी साझा संग्रह में आपकी रचनाएं एक सह-लेखिका के तौर पर प्रकाशित होती रही हैं, साथ ही साथ विविध पत्र-पत्रिकाओं जैसे साहित्यनामा, कोल्डफील्ड मिरर इत्यादि पत्रिकाओं में भी आपकी रचना प्रकाशित हुई हैं।

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