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Saanwali Syaahi / सांवली स्याही

Author Name: ila | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

टूटा दिल मिला, कभी संगदिल मिला, कभी ज़िंदादिल मिला। हर दिन जब कोई हमराही मिला, अपनी थोड़ी सी स्याही इला की क़लम में उंडेल गया।

रस भरी, दिल में उतर जाने वाली कविताओं का यह संग्रह आप हाथ से रख नहीं पायेंगे।

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इला

इला कविता नहीं लिखतीं। हौले से दिलों की दास्तानें बयां करती हैं। इनकी लेखनी की यही विशिष्टता है।

अंग्रेजी साहित्य और कम्यूनिकेशन् की डिग्री के बावजूद, वो सभी मौके और व्यवसाय इन्होंने बह जाने दिए जो क़लम पर रोक या तनख्व़ाह चढ़ाते।

स्वछंद प्रवृत्ति और ख़ुशमिज़ाज, यह बहु-प्रतिभावान लेखिका अपनी पहली प्रस्तुति ले कर आईं हैं।

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