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Sab yaad hai mujhe / सब याद हैं मुझे A digital poetry

Author Name: The poet Aftab | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

यह शायरी मेरी बहुत अलग लहजे में है जो आजकल के नोजवानो को उम्मीद करता हूँ पसंद आयेगी, क्योंकि आजकल जिस तरह का माहौल है और इस दौर के आशिकों का जो प्यार करने का अंदाज है, और अब प्यार मोहब्बत मे एक सब से अहम किरदार जो है वह मोबाइल फोन निभा रहा है वाटसप फेसबुक इंस्टाग्राम इन सब के बिना तो अब मोहब्बत ही अधुरी है और सच कहु तो यह कोई मोहब्बत नहीं सिर्फ धोखा है फरेब है, हमारे नोजवानो को हर दिन एक नयी मोहब्बत हो जाती है, ऐसे ही कुछ नोजवानो से में जब मिला और उनकी मोहब्बत के यह डिजिटल किस्से सुने जो सब एक दूसरे से मिलते जुलते ही थे, मैने इस पर गौर क्या तो पाया कि सब ऎसी ही मोहब्बत में मशगूल हैं बस ऐसे ही नोजवानो के डिजिटल मोहब्बत के अंदाज को मैने अपने कुछ लफ्जों में समेटने की कोशिश की है और इसलिए मैंने इसे डिजिटल पोयट्री नाम दिया है। ऐसे तो मैने कई शायरी (कविता ) लिखी लेकिन यह मेरी पहली शायरी है जिसे मै एक किताब का रूप दे पाया, उम्मीद करता हूं आपको यह पसंद आयेगी।

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द पोयेट आफताब

मेरा पुरा नाम आफताब शेख है, मेरा जन्म 12 मार्च 1999 को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ। बचपन से ही मुझे पढ़ने का बहुत शोख रहा और पढ़ते पढ़ते यह शोख कब लिखने में बदल गया पता ही नहीं चला, मुझे याद है मैने अपनी पहली कविता 7 वी क्लास में लिखी थी बस तब से अब तक मैं कई कविताएँ लिख चुका हूं।

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