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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइस तरह की स्वयं सहायता पुस्तके सिर्फ पढ़ने के लिए ही नहीं बल्कि चबाने, खाने और पचाने के लिए होती हैं। इस पुस्तक की USP जीवन के सभी क्षेत्रों से कहानियां, पहेलियां और चुटकुले हैं, जो विषयों को और अधिक व्यावहारिक और समझने योग्य बनाते हैं।
यह पुस्तक किसके लिए है:
यह स्वयं सहायता पुस्तक उन सभी के लिए है जो जीवन में 'सफलता का रहस्य' जानना चाहते हैं, हालांकि, यह पुस्तक प्रबंधकों, कॉर्पोरेट जीवन की सीढ़ी चढ़ने के इच्छुक कर्मचारियों और छात्रों के लिए बहुत प्रभावी होगी, जो अपना करियर बनाने के इच्छुक हैं।
इस पुस्तक को कैसे पढ़ें:
इसे धीरे-धीरे पढ़ें व धीरे-धीरे समझें।
परिवर्तन की प्रक्रिया अचानक नहीं होती है। इस पुस्तक को एक उपन्यास की तरह पढ़ने से शायद सहायता न मिले; इसे धीरे-धीरे पढ़ें और कहानियों की सहायता से कुछ बिंदुओं पर विचार करते हुए समझें; इसका स्वाद लें, इससे सीखें, पहेलियों को हल करने का प्रयास करें, प्रश्नों के उत्तर दें व जांच करें और धीरे-धीरे आगे बढ़ें।
इन अवधारणाओं का अभ्यास करें।
आप इन अवधारणाओं की प्रशंसा कर सकते हैं या इन्हे चुनौती दे सकते हैं लेकिन आपको दैनिक जीवन में इनका अभ्यास करने की आवश्यकता है ; यह कॉर्पोरेट, सामाजिक या व्यक्तिगत जीवन भी हो सकता है। अपने परिवार और दोस्तों के साथ इन अवधारणाओं पर चर्चा करने से आपको निश्चित रूप से सफलता मिलेगी।
मत भूलें...अभ्यास आदमी को परिपूर्ण बनाता है... (एक महिला को भी)
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दीपक बहल
दीपक बहल ने CPO की अखिल भारतीय मेरिट में 35वीं रैंक हासिल करने के बाद पुलिस अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया और CRPF में पुलिस उपाधीक्षक (सहायक कमांडेंट) के रूप में शामिल हुए।
IIM लखनऊ और IMT (MBA) के पूर्व छात्र, पुलिस विभाग से इस्तीफा देने के बाद कॉर्पोरेट जगत में शामिल हो गए और उन्हें BPL, The Oberoi Hotels, Gap Inc. (अमेरिकन MNC), InterContinental व Hilton होटेल्स जैसी कंपनियों के साथ लगभग 25 वर्षों का कार्य अनुभव है। वर्तमान में वे ‘एपीजे सुरेंद्र पार्क होटल्स लिमिटेड’ में मानव संसाधन निदेशक के पद पर कार्यरत हैं।
वह व्हार्टन बिजनेस स्कूल द्वारा प्रमाणित वार्ताकार और नेता हैं और डॉ रिचर्ड बैंडलर (USA) से एक लाइसेंस प्राप्त व्यवसायी और प्रमाणित NLP प्रशिक्षक भी हैं।
उन्हें 2008 के लिए यंग अचीवर के रूप में सम्मानित किया गया था। उन्हें 2009 में CSR के लिए प्रतिष्ठित राजीव गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार और कॉर्पोरेट नेतृत्व के लिए अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धि पुरस्कार 2009 से भी सम्मानित किया गया है। उनके पेशेवर और सक्षम मार्गदर्शन के तहत, InterContinental Eros, 2010 में काम करने के लिय भारत की शीर्ष 100 कंपनियों मे से एक बन गईं। 2012 में, उन्हें उनके साहित्यिक कार्य, ‘सफलता की ओर 10 आसन कदम’ के लिए प्रतिष्ठित मौलाना अबुल कलाम आजाद राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी स्वयं सहायता पुस्तक – ‘Winning is Everything’ ने शारजाह अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले 2012 में ‘वर्ष की सर्वश्रेष्ठ पुस्तक’ का पुरस्कार भी जीता।
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