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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal" सफर-ए-सुखनवर " ( journey of poet ) भी एक ऐसी ही किताब है जो गुजरती है जिंदगी की गलियों से और लेती है जज्बातों के कई मोड़ । यह सफर है एक सुखनवर का जो सफर के दौरान मिलता है कुछ मुसाफिरों से जैसे की क़लम, कागज़ और अल्फ़ाज़ जो कि मिलकर बनाते हैं इस सफर को कविताओं और नज़्मों के माध्यम से खूबसूरत।
उम्मीद करती हूं आपको भी यह सफर बेहद खूबसूरत लगेगा।
तो चलिए चलते हैं इस सफर की ओर...
कृति खन्नावालिया ‘सुख़नवर'
मन के ख्यालों से मन को सराबोर करने वाली इस किताब की लेखिका ' कृति खन्नावालिया ' का जन्म भारत की राजधानी दिल्ली में हुआ और यहीं से इन्होंने अपनी शिक्षा प्राप्त की । लेखन के माध्यम से यह अपने विचारों को सभी तक पहुंचाने का प्रयास करती है । "कागज की नाव" उनके द्वारा लिखी गई पहली पुस्तक है जिसमें कविताओं और गजलों के माध्यम से मानवीय व्यवहारों के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है तथा "सफर-ए-सुखनवर" इनके द्वारा लिखी गई दूसरी किताब है जो की कविताओं और नज़्मों का संकलन है
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