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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palवर्तमान की युवा पीढ़ी जो ज्यादा से ज्यादा सोसल मीडिया पर ही रहती है तो उनके लिए यह पुस्तक है जिसमें दूनियादारी,प्रकृति,प्रेम,धोखा, देश_विदेश,घर_बहार,अमीर_गरीब,ऊँच_नीच,हर तरह की प्रवृति की कविताएँ शामिल है जिनको पढ़ कर वो खुद को जागृत कर सकते हैं दूसरो की भावनाओं की एहमियत समझ सकते हैं और सबसे बड़ी बात वो भी लिखना सिख सकते हो और आगे बढने की प्ररेणा ले सकते हो ।हम देखते है की वर्तमान में जैसे पुस्तको को पढ़ना हम कही भूल ही गये है उसको वजह है यह बढता सोसल मीडिया की तरफ आकर्षण,,जहाँ एक और हम पुस्तकों से स्वयं से जुड़ते है समाज,देश,परिवार के बारे मे जानते है वही सोसल मीडिया से इन सब से दूर हो जाते है ।
समय हर पल बदल रहा है ,संसार हर क्षण परिवर्तित हो रहा है, किताबो मे हर वक्त कुछ नया लिखा जा रहा है ,शब्दो का शब्दकोश तैयार हो रहा है,लोगो के मिजाज बदल रहा है,तो फिर इन सभी बदलावो के साथ हम भी कुछ नया लिखते है कुछ नया पढते है और आने वाली नई पीढ़ी के लिए एक नया साहित्य रचते है
इस पुस्तक में कुछ कविताएँ ऐसी है जिनको पढ़कर आपको लगेगा की आप अपने आज से कही बिछड़ गये है तो आपको खुद को खोजना है कुछ बनना है तो इस पुस्तक की हर कविता कुछ ना कुछ जरूर सिखाती है ।
अनिता रोहलन (अरध्यापरी)
अनिता रोहलन (आराध्यापरी)का जन्म 2002 नागौर के लाछड़ी गाँव ,राजस्थान में हुआ । इनकी माता का नाम सन्तोष देवी व पिता का नाम मोहनराम है
प्रारंभिक शिक्षा लाछड़ी मे ही हुई,बाद में इन्होंने बी.ए की पढाई श्रीमती मोहरी देवी तापड़िया कन्या महाविद्यालय जसवनतगढ से की । वर्तमान में यह M.A प्रथम वर्ष की छात्रा है
यह स्कुल व काँलेज टाँपर रह चूकी है इन्हे खेल में भी रूचि है इन्होंने कराटे मे रेड बेल्ट व ताईकावानडो यलो बेल्ट प्राप्त किया है यह पेन्टिंग बनाने,गानो के बोल लिखने व नृत्य का भी शौक रखती है इन्हे प्रकृति से बेहद प्रेम है यह सबको सकारात्मक जीवन जीने की प्रेरणा देती है यह जिंदगी को खुलकर जीने मे विश्वास रखती है यह UPSC से प्रभावित है इनका मानना है की जो मनुष्य कल्पना कर जाता है वो उसे मूर्त रूप भी दे सकता है बस हमेशा अपने लक्ष्य के प्रति सजग रहो ।
इन्हे लिखना बेहद पसन्द है पर यह इसे सामाजिक बदलाव का सशक्त माध्यम मानती है इनकी 100 पुस्तकों मे कविताएँ प्रकाशित हो चुकी है ।
यह इनकी प्रथम स्वरचित पुस्तक है
जिसमे इन्होंने
समाज,मानव,प्रेम,नफरत,गम
,खुशी,देश_विदेश, प्रकृति इत्यादि बिन्दुओं के माध्यम से अपनी भावनाएं वयक्त की है ।
"वक्त की रफ्तार से तेज तुम्हे बनना होगा
अगर इस संसार पर तुम्हे हुकूमत करनी है तो पहले तुम्हे शब्दो का बेताश बादशाह बनना होगा "
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