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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palप्रस्तुत किताब "सफ़र ख़ुद से ख़ुद तक " में लेखक ने धार्मिक , सामाजिक , और स्वदेश प्रेम को अपने शब्दों में पिरोने की कोशिश की है और समाज के हर पहलू पर पैनी नज़र रखते हुए कवि ने इस किताब की रचना की है
कवि ने अपने शब्दों के माध्यम से प्रेम को एक नया रूप देने का प्रयास किया है ।
कवि ने समाज की सारी विसंगतियों को समझते हुए बेटियों को प्रोत्साहन देने का प्रयास किया है ।
कवि ने अपने किताब के माध्यम से लोगों से कहा है कि
समाज में व्याप्त सारी व्याधाओं को व्यक्ति स्वयं जन्म देता है और इन व्याधाओं को नष्ट करने में अपना पूरा जीवन व्यर्थ कर देता है।
कवि ने जीवन, प्रकृति, एवम्ं , देव-प्रेम, समाज के प्रती प्रेम, विद्रोह को अपने लेखनी से शब्दों में संजोया है , इस किताब में शब्दों के सौन्दर्य से समाज में व्याप्त बाधाओं का वर्णन किया गया है।
कवि ने अपने विचारों को कलम के जरिए कोरे कागज पर दर्शाया है,सियाही को शब्दो के ज़ारिये सजा कर वास्तविकता को देखते हुए "सफ़र ख़ुद से ख़ुद तक" किताब का निर्माण किया है।
सोमेश ठाकुर
इनका नाम सोमेश ठाकुर है , ये उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के मूल निवासी हैं । इनका जन्म 1 अप्रैल 1996 को प्रतापगढ़ में हुआ था , इनके पिता का नाम रायसाहब सिंह और माता का नाम प्रवीणा सिंह है । ये हिंदी विषय से परास्नातक है और एक हिंदी प्रेमी व्यक्ति हैं। ये अपने स्कूल के दिनों से ही कविताएं लिखना प्रारंभ कर दिए थे इनको कविताएं लिखने और पढ़ने में बचपन से ही रुचि थी । ये एक सरल हिंदी भाषा के लेखक हैं और अपनी समस्त कविताएं सरल हिंदी में ही लिखते हैं । वैसे तो ये कई काव्य संकलन में काम कर चुके हैं लेकिन एक लेखक के तौर पर यह इनकी पहली पुस्तक है । इनकी इस पुस्तक में आपको जीवन के सभी तथ्यों और भावनाओं का समन्वय मिलेगा , इनकी कविताओं में संघर्ष , प्रेरणा , प्रेम और जीवन के कतिप्रय यथार्थ को शब्दों के सहारे पन्नों पर उतारने का प्रयास किया गया है । इनका मानना है कि लेखक बना नहीं जा सकता है यह आप जन्म से होते हैं बस इस कला को निखारने की आवश्यकता होती है , इस पुस्तक में प्रकाशित संपूर्ण कवितायें इनके ही द्वारा लिखी गई है । इनकी रूचि लेखनी के साथ-साथ फोटोग्राफी में भी है और यह एक नेचर फोटोग्राफर भी है !
आप इनसे सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर जुड़ सकते हैं!
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